रामकथा में हुआ नवधा भक्ति का वर्णन
पंचशील मंदिर कमेटी द्वारा आयोजित रामकथा का समापन आजकोलकाता. शिवपुर स्थित पंचशील मंदिर कमेटी द्वारा आयोजित राम कथा के आठवें दिन सबरी प्रसंग का वर्णन करते हुए भवानी भूषण पंडित शंभुशरण जी लाटा ने भक्तों के सामने नवधा भक्ति का वर्णन किया. इस दौरान उन्होंने जटायु और श्रीराम मिलन वर्णन किया. पक्षी राज जटायु ने […]
पंचशील मंदिर कमेटी द्वारा आयोजित रामकथा का समापन आजकोलकाता. शिवपुर स्थित पंचशील मंदिर कमेटी द्वारा आयोजित राम कथा के आठवें दिन सबरी प्रसंग का वर्णन करते हुए भवानी भूषण पंडित शंभुशरण जी लाटा ने भक्तों के सामने नवधा भक्ति का वर्णन किया. इस दौरान उन्होंने जटायु और श्रीराम मिलन वर्णन किया. पक्षी राज जटायु ने श्रीराम को बताया कि किस प्रकार से रावण माता सीता जी का हरण कर उन्हें विमान से उड़ा ले गया. इस दौरान भवानी भूषण जी ने भगवान द्वारा सबरी को बताये गये नवधा भक्ति के बारे में विस्तार से बताया. इस दौरान भूषण जी ने भक्ति के सभी रूपों को एक एक कर बताया. सबरी के प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि सबरी ने ही भगवान को पंपा सरोवर जाकर सुग्रीव से मिलकर मित्रता करने की सलाह दी. रामजी सबरी से बिदाई लेकर पंपा सरोवर पहुंचे और सुग्रीव से मित्रता की . इस दौरान रामजी की मुलाकात हनुमान जी से होती है और राम के आग्रह पर सीता को कहीं से भी खोज लाने का आश्वासन देते हुए हनुमानजी अपनी बानरी सेना के साथ चारों दिशाओं में कूच कर जाते हैं. उक्त जानकारी देते हुए संस्था के मुख्य आयोजनकर्ता रोशन लाल अग्रवाल ने बताया कि पंचशील मंदिर कमेटी द्वारा आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय राम कथा का आयोजन किया गया था. 23 जनवरी से शुरू राम कथा का समापन शनिवार को राम के राज्याभिषेक के साथ हो जायेगा. राम कथा के आयोजन में जे के तोहनीवाल, जय प्रकाश गुप्ता, गोविंद राम झुनझुनवाल, नारायण चंद्र बहेती और रतन गोयल मुख्य रूप से सक्रिय रहे.