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नौकरशाह ने मतंग की गिरफ्तारी रोकने का किया प्रयास: सीबीआइ
नयी दिल्ली/कोलकाता : सीबीआइ ने रविवार को दावा किया कि करोड़ों रुपये के सारधा घोटाले में गिरफ्तार किये गये पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह की गिरफ्तारी रोकने के लिए एक वरिष्ठ नौकरशाह ने कथित तौर पर प्रयास किया था. सीबीआइ जहां कथित दबाव को लेकर आधिकारिक तौर पर चुप्पी साधे है वहीं एजेंसी के सूत्रों […]
नयी दिल्ली/कोलकाता : सीबीआइ ने रविवार को दावा किया कि करोड़ों रुपये के सारधा घोटाले में गिरफ्तार किये गये पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह की गिरफ्तारी रोकने के लिए एक वरिष्ठ नौकरशाह ने कथित तौर पर प्रयास किया था. सीबीआइ जहां कथित दबाव को लेकर आधिकारिक तौर पर चुप्पी साधे है वहीं एजेंसी के सूत्रों ने दावा किया कि सिंह की गिरफ्तारी रोकने के लिए एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों के पास एक वरिष्ठ नौकरशाह का फोन आया था.
पीवी नरसिंह राव की कैबिनेट में गृह राज्यमंत्री रह चुके मतंग सिंह को शनिवार को गिरफ्तार किया गया. उधर, मतंग सिंह को रविवार को अदालत में पेश नहीं किया जा सका. हालांकि कोर्ट ने उन्हें 13 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया. मतंग एसएसकेएम अस्पताल में भरती हैं.
सूत्रों ने कहा कि सिंह ने हिरासत के दौरान सीबीआइ कर्मियों को अपने ‘संपर्क’ के माध्यम से कथित रूप से धौंस दिखाने के प्रयास किये और गिरफ्तारी से बचने के लिए अंतिम प्रयास के तहत वरिष्ठ अधिकारी को फोन किया. सीबीआइ के सूत्रों ने आरोप लगाया कि सिंह की ‘नौकरशाही के उच्च अधिकारियों’ के साथ ‘गहरी साठगांठ’ थी और इस प्रभाव का इस्तेमाल वह कथित तौर पर काम कराने में करते थे.
सीबीआइ अधिकारियों ने दावा किया कि यह पहली बार नहीं है जब सिंह ने सीबीआई से ‘राहत’ पाने के लिए दबाव बनाया. इससे पहले भी सीबीआइ पर दबाव बनाये गये कि वह एजेंसी द्वारा पहले दर्ज किये गये मामलों में उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर नहीं हो जिसका सीबीआइ के पूर्व निदेशक रणजीत सिन्हा ने विरोध किया था.
कोर्ट में नहीं हो सकी पेशी
सारधा मामले में शनिवार को गिरफ्तार पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह को तबीयत ठीक नहीं होने के चलते रविवार को अदालत में पेश नहीं किया जा सका. अलीपुर स्थित सीजेएम (अतिरिक्त प्रभार) श्रीजीता चक्रवर्ती की अदालत में सीबीआइ के अधिवक्ता ने कहा कि आपराधिक षड्यंत्र, आर्थिक गड़बड़ी व तथ्य छिपाने के आरोप में शनिवार को मतंग सिंह को गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तारी के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गयी और उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में भरती किया गया. इसके कारण रविवार को मतंग सिंह को अदालत में पेश करना संभव नहीं हो पाया. उनकी तबीयत में सुधार होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किया जायेगा. वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने मतंग सिंह की जमानत की अर्जी दी. बचाव पक्ष ने कहा कि मतंग की तबीयत सही नहीं होने के कारण वे सीबीआइ के बुलावे पर नहीं आ सके थे. तबीयत में हल्का सुधार होने पर वे शनिवार को सीबीआइ दफ्तर पहुंचे थे, लेकिन पूछताछ के बाद सीबीआइ ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि सीबीआइ ने रविवार को इस गिरफ्तारी को लेकर जो भी दस्तावेज अदालत में पेश किये हैं, उसमें उनके (मतंग) सारधा मामले में शामिल होने को लेकर एक भी शब्द का उल्लेख नहीं है, इसके कारण उन्हें जमानत दिया जाये. अदालत सूत्रों मुताबिक, दोनों ही पक्ष के वकीलों की दलील सुनने के बाद जज ने मतंग सिंह को 13 फरवरी तक जेल हिरासत में रखने का निर्देश दिया. अदालत की ओर से गया है कि मतंग के चिकित्साधीन रहने की अवधि को भी न्यायिक हिरासत की अवधि में शामिल किया जायेगा.
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