बदर ने चुकायी सुर्खियों की कीमत

कोलकाता: कोलकाता के 25 वर्षीय बदर अजीम को सुर्खियों में आने की कीमत चुकानी पड़ी. सुर्खियों के कारण उसे बकिंघम पैलेस की नौकरी गंवानी पड़ी और वापस कोलकाता लौटना पड़ा. कोलकाता लौटने पर बदर तन्हा और उदास है तथा मीडिया से मिलने से परहेज कर रहा है. उल्लेखनीय है कि कोलकाता का बदर अजीम ब्रिटेन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2013 7:28 AM

कोलकाता: कोलकाता के 25 वर्षीय बदर अजीम को सुर्खियों में आने की कीमत चुकानी पड़ी. सुर्खियों के कारण उसे बकिंघम पैलेस की नौकरी गंवानी पड़ी और वापस कोलकाता लौटना पड़ा. कोलकाता लौटने पर बदर तन्हा और उदास है तथा मीडिया से मिलने से परहेज कर रहा है. उल्लेखनीय है कि कोलकाता का बदर अजीम ब्रिटेन के प्रिंस विलियम और केट मिडलटन की संतान होने की सूचना देने के लिए महारानी की प्रेस सचिव एल्सा एंडरसन के साथ बकिंघम पैलेस से बाहर निकला था और प्रिंस जार्ज के जन्म की आधिकारिक घोषणा की थी. बदर फुटमैन की पोशाक में था.

घोषणा ने बदर की बदल दी जिंदगी : प्रिंस बदर के जन्म की घोषणा के साथ ही उसकी जिंदगी ही बदल गयी. इंगलैंड के साथ-साथ वह भारत की मीडिया की सुर्खियों में आ गया. उसकी तुलना स्लमडॉग से की गयी, लेकिन सुर्खियों में आने की कीमत उसे तत्काल चुकानी पड़ी. वह ब्रिटेन में एडुकेशन वीजा पर था, जो अक्तूबर में समाप्त हो गया था. वीजा समाप्त होने का हवाला देकर उसे बकिंघम पैलेस से नौकरी छोड़ने के लिए बाध्य किया गया और उसे बाध्य होकर कोलकाता लौटना पड़ा.

परिवार के सदस्य हैं नाराज
बदर के कोलकाता लौटने पर पद्दोपुकुर फूलबागान में रहने वाला उसके परिवार वाले काफी नाराज व उदास है. उसके परिवार के सदस्यों को उसके भविष्य की चिंता है. पिता शेख रहीम का कहना है कि मीडिया ने गलत खबर दी. उनका बेटा न तो लावारिस है और न ही बस्ती में रहता है.

उन लोगों का चार तल्ले का मकान है. वे लोग सामान्य जिंदगी जीते हैं. बदर हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में ग्रेजुएट है तथा अपनी प्रतिभा के बल उसने नौकरी हासिल की थी. उसके पिता का कहना है कि बदर से संबंधित सूचनाओं को गलत ढ़ंग से पेश किया गया. बदर दमदम स्थित सेंट मैरीज ऑरफेंज एंड डे स्कूल का छात्र रहा था, हालांकि यह स्कूल आयरलैंड के ईसाई बंधु चलाते हैं तथा बेघर, बेसहारा, सुविधाओं से वंचित लोगों की सहायता करती है, लेकिन बदर ने इस तरह की कोई सुविधा नहीं ली थी. उसने कोलकाता के ही इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कॉलेज दाखिला ले लिया. यहां उसने हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में डिग्री ली. दो साल का कोर्स खत्म करने के बाद उसे दस हजार पाउंड की स्कॉलरशिप मिली, जिससे उसने स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग नेपियर यूनिविर्सटी में डिग्री हासिल की. डिग्री मिलने के बाद 2011 में उसे बंकिघम पैलेस में जूनियर फुटमैन की नौकरी मिल गयी थी.

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