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सारधा मामला: तृणमूल समर्थक वकीलों ने कोर्ट में किया न्यायाधीश का घेराव, जज झुकने को तैयार नहीं

कोलकाता: परिवहन मंत्री मदन मित्र और पूर्व तृणमूल कांग्रेस सांसद सृंजय बोस के खिलाफ सारधा रियलटी मामले में धारा 409 जोड़ने की सीबीआइ की अपील पर सोमवार को अलीपुर अदालत में सुनवाई के दौरान भारी हंगामा हुआ. तृणमूल समर्थित वकीलों ने एक अधिवक्ता की शुक्रवार को हुई मौत का हवाला देते हुए सोमवार को काम […]

कोलकाता: परिवहन मंत्री मदन मित्र और पूर्व तृणमूल कांग्रेस सांसद सृंजय बोस के खिलाफ सारधा रियलटी मामले में धारा 409 जोड़ने की सीबीआइ की अपील पर सोमवार को अलीपुर अदालत में सुनवाई के दौरान भारी हंगामा हुआ. तृणमूल समर्थित वकीलों ने एक अधिवक्ता की शुक्रवार को हुई मौत का हवाला देते हुए सोमवार को काम बंद करने का फैसला लिया था. हालांकि न्यायाधीश हाराधन मुखर्जी सीबीआइ की अपील पर सुनवाई को पूरा करना चाहते थे.

आरोप है कि इस पर तृणमूल समर्थित वकीलों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया. उनका कहना था कि समूची अदालत बंद है. वकीलों का पक्ष न सुनकर आखिर अदालत मामले की सुनवाई क्यों करना चाहती है. जबकि न्यायाधीश का कहना था कि उनका कोई निजी हित नहीं है. वह किसी दबाव में नहीं आयेंगे. भले ही उनका स्थानांतरण कर दिया जाये. दिनभर चले हंगामे के बाद माहौल शांत हुआ तो मामले की सुनवाई हुई. रात 10.45 बजे के करीब सीबीआइ के वकील पार्थ सारथी दत्त ने बताया कि न्यायाधीश ने जांच एजेंसी के आग्रह को स्वीकार कर लिया है. न्यायाधीश ने कहा कि रियलटी मामले में 409 धारा जोड़ने से चूक जाना सीबीआइ की एक भूल थी. मामले में धारा 409 जोड़ने की इजाजत अदालत ने दे दी है. वहीं सोमवार को अदालत में न्यायाधीश की इस कार्रवाई को लेकर वकीलों ने हाइकोर्ट में जाने का मन बनाया है.

मामले में धारा 409 जुड़ने का मतलब
सृंजय बोस के मामले में धारा 409 शामिल नहीं थी. इस धारा में घोटाला करने वालों को आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. धारा लागू होने पर 60 दिनों के बदले सीबीआइ को चाजर्शीट जमा करने के लिए 90 दिनों का वक्त मिल सकता है. सीबीआइ इस धारा को सृंजय व मदन मित्र के मामले में शामिल कराना चाहती थी. किसी कारणवश यह धारा पहले शामिल नहीं हो सकी थी.
बेसिल का डायरेक्टर गिरफ्तार
धनबाद: बैंक मोड़ पुलिस ने सोमवार को नन बैंकिंग कंपनी बेसिल के डायरेक्टर सुशांतो चटर्जी को आसनसोल कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिया. उसे धनबाद लाया गया है. बैंक मोड़ थाना में कांड संख्या 805/14 दर्ज है. कुल 40 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जबकि धनबाद के विभिन्न थाना में बेसिल के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज है. बैंक मोड़ थाना के एसआइ अमित गुप्ता छापामारी कर इसकी गिरफ्तारी की है. वहीं बैंक मोड़ थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह आरोपी से पूछताछ कर रहे है. जबकि बेसिल की मेन ब्रांच कोलकाता है.
ऐसे हुई गिरफ्तारी : अगस्त 2014 में बेसिल कंपनी के खिलाफ आसनसोल में मामला दर्ज किया गया था. इस मामला में आसनसोल पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी की थी. दो माह जेल में रहने के बाद यह छूट गया. बैंक मोड़ पुलिस को सूचना मिली की वह लगातार कोर्ट में अपनी डेट पर जाता है. पुलिस ने उसकी पूरी जानकारी की और थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने एसआइ अमित गुप्ता के नेतृत्व में टीम बना कर आसनसोल भेज दिया. कोर्ट से गवाही देने के बाद जैसे ही सुशांतो निकला बैंक मोड़ पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर ली. जबकि सुशांतो के घर में पहले भी कई बार पुलिस जा चुकी है. वहां के लोगों ने अपना रुपया लेने के लिए सुशांतो के घर का घेराव तक किया है.

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