कोलकाता. स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी एक महत्वपूर्ण संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ चिकित्सक का कहना है कि देश में स्वास्थ्य से जुडे़ मुद्दों के समाधान के लिए कई नीतियों का कार्यान्वयन बेहद कमजोर रहा है और इसका प्रभाव शहरी आबादी पर भी पड़ा है. इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर जे रवि कुमार ने बताया कि हमारे देश में स्वास्थ्य से जुड़े बहुत से मुद्दे और समस्याएं हैं और इनके लिए हमारे पास स्वास्थ्य नीतियां व कार्यक्रम हैं, लेकिन हम इन नीतियों को कार्यान्वित करने के मामले में बहुत कमजोर हैं. श्री कुमार के अनुसार इन नीतियों के खराब कार्यान्वयन की वजह से सिर्फ ग्रामीण आबादी ही नहीं, बल्कि शहरी आबादी भी उतनी ही प्रभावित है. उन्होंने जोर देकर कहा कि गांवों में रहनेवाले 70 प्रतिशत भारतीय इन नीतियों के कमजोर क्रियान्वयन की वजह से स्वास्थ्य से जुड़ीं समस्याओं का सामना कर रहे हैं. असल में शहरी जनता भी अब इतनी ही कठिनाइयों का सामना कर रही है. नीतियों के कार्यान्वयन में फंड की कमी को एक प्रमुख रुकावट बताते हुए डॉक्टर कुमार ने कहा कि आर्थिक कारक एक बड़ी वजह है. हम कोष की कमी की वजह से कार्यक्रमों का कार्यान्वयन नहीं कर सकते हैं. श्रमबल की कमी के अलावा, प्रशिक्षित लोगों की कमी भी इसके लिए जिम्मेवार है और अधिकतर डॉक्टर गांव जाने के बजाय शहरी इलाकों में बस जाना चाहते हैं.
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स्वास्थ्य के मुद्दे पर बनी नीतियों के कार्यान्वयन में कमजोरी
कोलकाता. स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी एक महत्वपूर्ण संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ चिकित्सक का कहना है कि देश में स्वास्थ्य से जुडे़ मुद्दों के समाधान के लिए कई नीतियों का कार्यान्वयन बेहद कमजोर रहा है और इसका प्रभाव शहरी आबादी पर भी पड़ा है. इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर जे रवि […]
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