दिल्ली में आप की बंपर जीत, भाजपा-कांगे्रस का सूपड़ा साफ
नयी दिल्ली. मोदी के विजय रथ को रोकते हुए आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनावों में 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा को महज तीन सीटों पर समेट दिया और कांग्रेस का पूरी तरह सफाया कर दिया. मोदी के लिए रायशुमारी माने जा रहे इस चुनाव में आप […]
नयी दिल्ली. मोदी के विजय रथ को रोकते हुए आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनावों में 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा को महज तीन सीटों पर समेट दिया और कांग्रेस का पूरी तरह सफाया कर दिया. मोदी के लिए रायशुमारी माने जा रहे इस चुनाव में आप ने भाजपा और कांगे्रस के दिग्गजों को उनके ही गढ़ में करारी शिकस्त देकर एक नयी इबारत लिख दी. भाजपा नेताओं ने चुनावी हार को ‘झटका’ मानते हुए इसे स्वीकार किया लेकिन इन सुझावों को मानने से इनकार कर दिया कि ये परिणाम मोदी सरकार के प्रदर्शन पर जनादेश हैं. आप द्वारा हासिल की गयी यह उपलब्धि दिल्ली के लिये अपने आप में कीर्तिमान है. विगत में शायद ही किसी राज्य में ऐसा देखने को मिला हो. केवल 1989 में सिक्किम संग्राम परिषद ने विधानसभा की सभी 32 सीटें जीती थीं. राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी तथा आप के चुनावी समर के चेहरा बने अरविंद केजरीवाल ने स्वयं नयी दिल्ली विधानसभा सीट से अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की नुपुर शर्मा को 31500 मतों के भारी अंतर से पराजित किया. इस सीट पर तीसरे स्थान पर रही पूर्व मंत्री एवं कांगे्रस प्रत्याशी किरण वालिया को महज 4700 वोट मिले और वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पायीं. चुनाव परिणाम आने के बाद हुई आप की विधायक दल की बैठक में केजरीवाल को नेता चुना गया. भाजपा के लिए सबसे बड़ा झटका उसकी मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी किरण बेदी का पारंपरिक रूप से भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली कृष्णानगर विधानसभा सीट से हार जाना रहा. उन्होंने यह सीट दो हजार से अधिक मतों से गंवायी. इस सीट से भाजपा के वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन कई बार भारी अंतर से जीतते रहे हैं.