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सारधा के पैसे से तृणमूल ने लड़ा चुनाव : गुरुदास

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संसदीय क्षेत्र में एक करोड़, विधानसभा में दिये 40-40 लाख सीपीआइ के राष्ट्रीय नेताओं ने आमसभा में लगाया आरोप अंडाल : सीपीआइ के महासचिव सुधाकर रेड्डी ने कहा कि केंद्र सरकार काला धन विदेश से वापस ला ही नहीं सकती है, क्योंकि उसकी नीति अमीरों को अधिक अमीर बनानेवाली तथा श्रमिक-किसानों से उनके अधिकार छिन […]

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संसदीय क्षेत्र में एक करोड़, विधानसभा में दिये 40-40 लाख
सीपीआइ के राष्ट्रीय नेताओं ने आमसभा में लगाया आरोप
अंडाल : सीपीआइ के महासचिव सुधाकर रेड्डी ने कहा कि केंद्र सरकार काला धन विदेश से वापस ला ही नहीं सकती है, क्योंकि उसकी नीति अमीरों को अधिक अमीर बनानेवाली तथा श्रमिक-किसानों से उनके अधिकार छिन रही है. इस स्थिति में वृहद वाममोरचा ही बेहतर विकल्प हो सकता है.
वे खाद्रा मैदान में रविवार पार्टी के राज्य सम्मेलन के खुले सत्र को संबोधित कर रहे थे. जबकि एटक के महासचिव गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि तृणमूल ने सारधा चिटफंड कंपनी की राशि से विधानसभा व संसदीय चुनाव लड़ा है. यह राशि राज्य के लाखों गरीबों की निवेश राशि है. पार्टी का राज्य सम्मेलन 18 फरवरी तक चलेगा.
पार्टी महासचिव रेड्डी ने कहा कि देश सहित पूरे विश्व का पूंजीवाद संकट में है. निपटने के लिए नवउदारवादी नीतियां अख्तियार की जा रही हैं. इससे संकट और गहरायेगा. केंद्र में कॉरपोरेट हितों की रक्षा करनेवाली सांप्रदायिक शक्तियों की सरकार सत्तासीन है. यही कारण है कि एक ओर किसानों व श्रमिकों के अधिकारों व सुविधाओं में कटौती हो रही है, दूसरी ओर देश को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश हो रही है.
उन्होंने कहा कि मनरेगा में 50 फीसदी, शिक्षा व स्वास्थ्य मद में 20-20 फीसदी की कटौती की जा चुकी है. किसान कर्ज न चुकाने की स्थिति में आत्महत्या कर रहे हैं, दूसरी ओर बड़े उद्योगपतियों के पास सरकार का 2.40 लाख करोड़ का लोन डूब चुका है. सरकार उनके कर्ज माफी करने की कोशिश में जुटी है. उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत कर देशव्यापी आंदोलन विकसित करना मुख्य चुनौती है. एटक महासचिव दासगुप्ता ने कहा कि तृणमूल ने बीते विधानसभा व संसदीय चुनाव में सारधा कंपनी की राशि खर्च की.
हर संसदीय क्षेत्र में एक-एक करोड़ तथा हर विधानसभा क्षेत्र में 40-40 लाख रुपये प्रत्याशियों को दिये गये. यह राशि राज्य के लाखों गरीब निवेशकों के थे. राज्य में उद्योग पूरी तरह से समाप्ति के कगार पर पहुंचते जा रहे हैं. किसानों को सही बीज, खाद तथा वाजिब कीमत नहीं मिल रही है. परिवर्तन के नाम पर सत्ता में आयी सरकार पूरी तरह से हर मोरचे पर विफल रही है.
हर मौके पर दस वर्षों तक वामपंथियों को चुप रहने की नसीहत देनेवाली मुख्यमंत्री ममता खुद ही पांच वर्ष रहेगी कि नहीं, इस पर सवाल उठने लगा है. उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि केंद्र व राज्य सरकारों के खिलाफ लगातार आंदोलन चलाया जाये. सभा की अध्यक्षता पार्टी के राज्य सचिव मंजू कुमार मजुमदार ने की. अन्य वक्ताओं में बर्दवान जिला सचिव व पूर्व सांसद आरसी सिंह व प्रभात राय शामिल थे. इसके पूर्व विभिन्न स्थलों से हजारों की संख्या में पार्टी समर्थक जुलूस की शक्ल में सभा में पहुंचे.

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