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कोलकाता: राज्य परिवहन विभाग का संस्थान कलकत्ता राज्य परिवहन निगम (सीएसटीसी) ने स्वनिर्भर बनने के लिए नयी योजनाएं तैयार की है. हालांकि राज्य की कई परिवहन कंपनियां आज भी सरकारी की सब्सिडी पर निर्भर हैं, लेकिन इसी बीच महानगर व आस-पास के क्षेत्रों में परिवहन सेवा प्रदान करनेवाला संस्थान सीएसटीसी ने तीन योजनाएं बनायी है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2015 7:06 AM
कोलकाता: राज्य परिवहन विभाग का संस्थान कलकत्ता राज्य परिवहन निगम (सीएसटीसी) ने स्वनिर्भर बनने के लिए नयी योजनाएं तैयार की है. हालांकि राज्य की कई परिवहन कंपनियां आज भी सरकारी की सब्सिडी पर निर्भर हैं, लेकिन इसी बीच महानगर व आस-पास के क्षेत्रों में परिवहन सेवा प्रदान करनेवाला संस्थान सीएसटीसी ने तीन योजनाएं बनायी है और इन पर अमल भी शुरू कर दिया है.

यह जानकारी सीएसटीसी के प्रबंध निदेशक भीष्मदेव दासगुप्ता ने दी. उन्होंने बताया कि सीएसटीसी स्वयं को स्वनिर्भर व महानगर में खुद को मॉडर्न परिवहन एजेंसी के रूप में परिणित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. सीएसटीसी ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में आठ करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अजिर्त करने का लक्ष्य रखा है और इसी बीच सिर्फ अगस्त 2014 से 15 जनवरी तक इसकी आमदनी में पांच करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है.

इन योजनाओं को क्रियान्वित कर सीएसटीसी ने वर्ष 2015-16 में प्रत्येक महीने तीन करोड़ रुपये का लाभ अजिर्त करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लांच की गयी एसी बसों की आमदनी लगातार बढ़ रही है, इसलिए अब सीएसटीसी ने इनमें स्मार्ट कार्ड व जीपीएस सिस्टम लगाने का फैसला किया है. इससे इन बसों में यात्राियों की संख्या और बढ़ेगी. इसके साथ ही सीएसटीसी अब रियल एस्टेट के साथ भी जुड़ने जा रहा है.

महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में सीएसटीसी की बेकार पड़ी जमीन को रियल एस्टेट कंपनियों को दिया जायेगा और यहां से प्रत्येक महीने किराया वसूला जायेगा. सीएसटीसी ने गरिया, ठाकुरपुकुर, नीलगंज (बैरकपुर) व सरसुना में अपनी जमीन को रियल एस्टेट को लीज पर देने का निर्णय लिया है. मार्च 2015 तक कंपनी ने और तीन डिपो की जमीन को लीज पर देने के लिए निविदा आमंत्रित करने का फैसला किया है. इन तीनों डिपो में औसतन 14-15 एकड़ जमीन है. इस संबंध में केपीएमजी को स्टडी करने का दायित्व सौंपा गया है. सीएसटीसी की रिपोर्ट मिलते ही राज्य सरकार आगे की कार्यवाही करेगी. इसके साथ ही सीएसटीसी में कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिए एक बार फिर वीआरएस योजना के लिए अधिसूचना जारी की जायेगी, इस बार कम से कम 200 कर्मचारियों को वीआरएस देने की योजना है.

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