रामसर करार से हुए नुकसान की भरपाई करे केंद्र : मेयर

कोलकाता. ईरान के रामसर में 1971 में वेटलैंड (आर्द्रभूमि) और जैव-विविधता के संरक्षण के मुद्दे पर हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में करार पर भारत ने भी हस्ताक्षर किया था. इस सम्मेलन के 44 वर्षों बाद कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी ने आरोप लगाया है कि इस करार से कोलकाता नगर निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2015 8:03 PM

कोलकाता. ईरान के रामसर में 1971 में वेटलैंड (आर्द्रभूमि) और जैव-विविधता के संरक्षण के मुद्दे पर हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में करार पर भारत ने भी हस्ताक्षर किया था. इस सम्मेलन के 44 वर्षों बाद कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी ने आरोप लगाया है कि इस करार से कोलकाता नगर निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. श्री चटर्जी का कहना है कि रामसर करार को लागू कर पूर्व कोलकाता में निगम की सैकड़ों एकड़ जमीन को जिस तरह से वेटलैंड घोषित कर दिया गया, वह अवैज्ञानिक है. इसके कारण आज निगम को डंपिंग ग्राउंड तैयार करने के लिए सरकार के सामने जमीन के लिए हाथ फैलाना पड़ रहा है. वेटलैंड होने के कारण निगम की कई परियोजनाएं शुरू ही नहीं हो पायीं. मेयर का कहना है कि चूंकि इस करार पर केंद्र सरकार ने हस्ताक्षर किया था, इसलिए उसे ही निगम को हुए इस नुकसान की भरपाई करनी चाहिए. श्री चटर्जी ने कहा कि हम आर्थिक नुकसान की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि कामकाज में जो क्षति हो रही है, उसकी भरपाई करने को कह रहे हैं. मेयर ने कहा कि केंद्र को चाहिए कि वह निगम को हुए इस नुकसान के एवज में या तो कहीं जमीन उपलब्ध करवाये या फिर धापा से किसानों को हटा कर उनके पुनर्वास पर हो रहे खर्च को वहन करे. गौरतलब है कि रामसर करार के अनुसार पूर्व कोलकाता में 125 वर्ग किलोमीटर का इलका वेटलैंड के अंतर्गत पड़ता है. इसमें से अधिकतर भूमि का मालिक कोलकाता नगर निगम है.

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