कोलकाता व स्कॉटलैंड के संबंध ऐतिहासिक : कुलपति

कोलकाता: कलकत्ता विश्वविद्यालय तथा इडिनबर्ग विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आज ह्यस्टेट बिल्डिंग इन इंडिया विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार का आयोजन कलकत्ता विश्वविद्यालय के अलीपुर स्थित कैम्पस में किया गया. सेमिनार के मुख्य वक्ताओं में कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास तथा इडिनबर्ग विश्वविद्यालय के प्रमुख टिमोथी ओसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2015 6:36 AM
कोलकाता: कलकत्ता विश्वविद्यालय तथा इडिनबर्ग विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आज ह्यस्टेट बिल्डिंग इन इंडिया विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार का आयोजन कलकत्ता विश्वविद्यालय के अलीपुर स्थित कैम्पस में किया गया. सेमिनार के मुख्य वक्ताओं में कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास तथा इडिनबर्ग विश्वविद्यालय के प्रमुख टिमोथी ओसी के साथ भारत स्थित ब्रिटिश काउंसिल के पूर्वी क्षेत्र की निदेशक सुजाता सेन उपस्थित थी.

इस सेमिनार के उदघाटन के अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति ने भारत तथा स्काटलैंड के द्विपाक्षिक संबंधों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला. अपने उदघाटन भाषण में श्री दास ने औपनिवेशिक काल से ही भारत तथा स्काटलैंड के बीच वैचारिक, सांस्कृतिक, सामाजिक तथा आर्थिक सबंधों के साथ खासकर कोलकाता के साथ ऐतिहासिक संबंधों की जानकारी दी.

उन्होंने बतलाया कि कोलकाता के बाटनिकल गार्डेन से लेकर स्काटिश चर्च कालेज, ट्रापिकल स्कूल आफ मेडिसिन के निर्माण में स्काटलैंड के विद्वानों की प्रमुख भुमिका रही है. यहां तक कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जन्मदाता के रूप में जाने वाले ए.ओ.हय़ूम भी स्काट ही थे. इसके साथ ही उन्होंने कोलकाता के कई बुद्धिजीवी घरानों जिसमें टैगौर परिवार समेत कादम्बिनी गांगुली, प्रफुल्ल चंद्र सेन एवं अखर नाथ चटर्जी जैसे लोगों का भी स्काटलैंड के साथ शैक्षिक संबंध था.

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