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मुकुल राय और ममता बनर्जी के बीच दूरियां बढ़ी

कोलकाता : मुकुल राय और ममता बनर्जी के बीच पूर्ण अलगाव की उलटी गिनती शुरू हो गयी है. नयी दिल्ली में मुकुल राय के आवास से शुक्रवार को ममता बनर्जी का सभी सामान हटा कर उसे अभिषेक बनर्जी के आवास में शिफ्ट किया गया. मुकुल राय के उक्त आवास को तृणमूल के कार्यालय के तौर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2015 7:29 PM

कोलकाता : मुकुल राय और ममता बनर्जी के बीच पूर्ण अलगाव की उलटी गिनती शुरू हो गयी है. नयी दिल्ली में मुकुल राय के आवास से शुक्रवार को ममता बनर्जी का सभी सामान हटा कर उसे अभिषेक बनर्जी के आवास में शिफ्ट किया गया.

मुकुल राय के उक्त आवास को तृणमूल के कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था. ममता के सामान को वहां से हटाकर अभिषेक के आवास में शिफ्ट करने के बाद यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि दिल्ली में तृणमूल का कार्यालय अभिषेक का फ्लैट ही होगा. शुक्रवार को हटाये गये सामान में खाट,ट्रीडमील, कंप्यूटर व अन्य सामान हैं. इस संबंध में मुकुल राय का कहना है कि उन्हें इस बाबत कुछ नहीं मालूम. उक्त फ्लैट में वह नहीं रहते थे.

ममता के मुख्यमंत्री बनने के बाद वह फ्लैट तृणमूल कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल होता था. वह खुद करीब ही एक अन्य किराये के फ्लैट में रहते थे. तृणमूल के साथ उनके संबंधों के पूरी तरह टूट रहा है या नहीं यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह तो भविष्य में ही पता चल सकेगा. इधर मुकुल राय के बेटे शुभ्रांशु राय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उपचुनाव में तृणमूल का वोट प्रतिशत घटने पर भले ही उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है लेकिन लोकसभा चुनाव के आधार पर भी कई केंद्रों में पार्टी को सीट खोना पड़ा था. इसमें दक्षिण कोलकाता की भी एक सीट है. उस स्थिति में पार्टी ने जांच करायी थी या नहीं यह नहीं पता. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पिता पर गर्व है और हमेशा वह अपने पिता का साथ देंगे.

पार्टी में उनकी स्थिति को भविष्य ही तय करेगा. लेकिन वह पार्टी के सैनिक हमेशा बने रहेंगे. उनका कहना था कि उनके पिता का सम्मान सबसे आगे हैं. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पार्टी में उनके पिता के सम्मान की हानि हुई है. मीडिया में शुभ्रांशु के ऐसे बयान आने पर पार्टी के महासचिव व राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा कि बीजपुर के पार्टी के विधायक (शुभ्रांशु राय) की काफी बातें मीडिया में आयी हैं.

अगले 72 घंटे में पार्टी की अनुशासन कमेटी बैठक करेगी. इसमें इंटरव्यू की मीडिया क्लिपिंग, अखबारों की कटिंग शामिल होगी. पार्टी की छवि को यदि नुकसान पहुंचाया गया होगा तो दल इसे बर्दाश्त नहीं करेगा और उचित कदम के लिए पार्टी को यह कमेटी अपनी सिफारिश देगी. इस संबंध में शुभ्रांशु राय ने कहा कि यदि पार्टी की कोई चिट्ठी उनके पास आती है तो वह उसका जवाब देंगे.

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