कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को चिटफंड मुद्दे पर वाम मोरचा और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. पानीहाटी में तृणमूल कांग्रेस की सभा में उन्होंने आरोप लगाया कि चिटफंड कंपनियों को पूर्व की वाम मोरचा सरकार का समर्थन हासिल था.
चिटफंड कंपनियों की शुरुआत 1980 से हुई. दशकों तक वाम मोरचा सरकार ने उन पर लगाम लगाने की कोशिश नहीं की. इस मुद्दे पर केंद्रीय एजेंसियों ने भी कोई कदम नहीं उठाया. बाजार नियामक सेबी और भारतीय रिजर्व बैंक हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे. मुख्यमंत्री ने केंद्र की भूमिका पर भी सवाल उठाया. उनका कहना था कि यूपीए सरकार बदला लेने पर उतारू है.
कांग्रेस और माकपा मिलकर साजिश कर रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. माकपा आज बड़ी-बड़ी बातें कर रही है, लेकिन उसने खुद कुछ नहीं किया. तृणमूल कांग्रेस सरकार ने काफी सख्त कानून के लिए विधानसभा से विधेयक पास कराया है. वाम मोरचा सरकार ने जो विधेयक लाया था उसमें गलतियों की भरमार थी.
पार्टियों की परिसंपत्तियों की जांच होगी
ममता ने आरोप लगाया कि माकपा ने अपने 34 वर्षो के शासन में करोड़ों रुपये की चल और अचल संपत्ति बनायी है. राजनीतिक दलों की बेनामी संपत्ति का पता लगाने के लिये जांच करायी जायेगी. उन्होंने कहा, ‘माकपा ने हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति इकट्ठा की है. संपत्ति के लिहाज से माकपा अब कांग्रेस और भाजपा के करीब है.’ उन्होंने दावा किया कि अगर तृणमूल कांग्रेस सत्ता में नहीं आती तो और भी ज्यादा निवेशक चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी के शिकार होते.