विपक्ष ने राज्य सरकार के बजट को निराधार व दिशाहीन बताया, वास्तविकता से परे राज्य बजट

कोलकाता. विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ सूर्यकांत मिश्र ने वित्त मंत्री अमित मित्र द्वारा पेश किये गये बजट को अवास्तविक, आंकड़ों का खेल करार दिया. साथ ही इस बजट को आधारहीन वादा करनेवाला बताया. बजट पेश किये जाने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डॉ मिश्र ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में बड़े […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2015 8:01 AM
कोलकाता. विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ सूर्यकांत मिश्र ने वित्त मंत्री अमित मित्र द्वारा पेश किये गये बजट को अवास्तविक, आंकड़ों का खेल करार दिया. साथ ही इस बजट को आधारहीन वादा करनेवाला बताया. बजट पेश किये जाने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डॉ मिश्र ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में बड़े उद्योगों में दो करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव की बात कही गयी थी, जो बजट में बढ़ कर दो लाख 46 हजार करोड़ रुपये हो गये हैं.

बजट में पश्चिमांचल उन्नयन विभाग का कोई उल्लेख नहीं है. उन्होंने कहा कि बजट में 40 लाख बच्चों को साइकिल देने की बात कही गयी है, जबकि राज्य में इतनी साइकिल बनाने का कारखाना नहीं है. उन्होंने कहा कि 10 लाख टय़ूबेल लगा कर दो लाख हेक्टर सिंचाई जमीन की बात कही गयी है. यह संभव नहीं है.

बजट दिशाहीन : असीम दासगुप्ता
बजट को दिशाहीन करार देते हुए पूर्व मंत्री व माकपा के आला नेता असीम दासगुप्ता ने कहा कि बजट में कुछ नया नहीं है. नयापन नहीं होने के साथ ही सात ऐसे मुद्दे हैं जिनका मतलब स्पष्ट नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किये जाने वाले आम बजट के पहले राज्य सरकार ने बजट कैसे पेश कर दिया? केंद्र सरकार के बजट पेश होने के बाद राज्य सरकार क्या दोबारा बजट पेश करेगी. बजट में रोजगार के अवसर मुहैया कराये जाने की घोषणा की गयी है लेकिन कौन-कौन से क्षेत्रों में रोजगार के आसार हैं. इसे स्पष्ट नहीं किया गया है.

दासगुप्ता ने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा दिये ऋण को लेकर राज्य सरकार पूर्ववर्ती वाम मोरचा सरकार पर झूठा आरोप लगा रही है. कथित तौर राज्य सरकार ऋण के दबाव का जिम्मेदार पूर्ववर्ती वाम मोरचा सरकार को ठहरा रही है. माकपा नेता का दावा है कि पूर्ववर्ती वाम मोरचा सरकार की तुलना में मौजूदा तृणमूल सरकार ने केंद्र से करीब साढ़े तीन गुना ऋण लिया है. साथ ही उन्होंने 2014-15 के लिए कर संग्रह का लक्ष्य घटा कर 40,062 करोड़ रुपये किये जाने की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कर संग्रहण का अनुमान 45,413 करोड़ रुपये था. चावल का उत्पादन राज्य में काफी ज्यादा हुआ लेकिन उसकी कीमत बढ़ी है. आरोप के मुताबिक बजट पूरी तरह स्पष्ट नहीं है.

राज्य बजट चुनावी बजट : कांग्रेस
कोलकाता. वित्त मंत्री अमित मित्र द्वारा पेश किये गये बजट को कांग्रेस विधायक दल ने चुनावी बजट करार दिया. कांग्रेस विधायक दल के नेता मोहम्मद सोहराब ने कहा कि वर्तमान सरकार का यह अंतिम बजट है, क्योंकि अगले साल विधानसभा का चुनाव है और अगले वर्ष सरकार बजट नहीं, वरन वोट ऑन एकाउंट होगा. उन्होंने कहा कि इस बजट की कोई दिशा नहीं है और केवल लुभावनी योनजाओं की घोषणा की गयी है. बजट में केवल आंकड़ों का खेल है. निगम चुनाव को ध्यान में रख कर भी बजट बनायी गयी है.
कांग्रेस विधायक डॉ मानस भुईंया ने कहा कि 2014-15 के बजट में राजस्व घाटा 10361.87 करोड़ रुपया था, 2015-16 के बजट में शून्य हो गया, जबकि बजट घाटा 14-15 में तीन करोड़ रुपये था, जो 2015-16 में बढ़ कर सात करोड़ रुपये हो गया. उन्होंने सवाल किया कि जब राजस्व घाटा शून्य है,तो फिर बजट घाटा सात करोड़ कैसे हो गया. उन्होंने कहा कि बजट में केंद्रीय अनुदान व करों में भागीदारी की बात नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को राजस्व उगाही पर जोर देना चाहिए. राजस्व उगाही कता का लक्ष्य 46000 करोड़ रुपये न होकर 70 हजार करोड़ रुपये होना चाहिए.
कल्पना है राज्य बजट : भाजपा
भाजपा के विधायक शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि वित्त मंत्री अमित मित्र द्वारा पेश किये गये बजट का वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि यह बजट कल्पना पर निर्भर बजट है. इस बजट में निवेश की बात कही गयी है, लेकिन बताया नहीं गया है कि निवेश कहा से होगा.
प्रदेश भाजपा के आर्थिक सेल के संयोजक धनपत राम अग्रवाल ने राज्य सरकार द्वारा पेश बजट की निंदा करते हुए इसे विरोधाभास से भरा और विश्वसनीयता से परे बताया. बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री दावा कर रहे हैं कि विकास दर राष्ट्रीय विकास दर 7.5 फीसदी की तुलना में 10.48 फीसदी है. लेकिन वित्तीय आंकड़े कुछ और ही कहते हैं. कर व अन्य मद में राजस्व प्राप्ति लक्ष्य के 105978.20 करोड़ रुपये घट कर 96466.11 करोड़ रुपये हो गया है. खासकर जब राज्य के आर्थिक विकास की हालत बेहतर बतायी जा रही है. राजस्व में कमी करीब नौ फीसदी है. 2014-15 के शून्य घाटे के बजट के दावे पर राजस्व की कमी 10361.87 करोड़ रुपये कैसे पहुंच गयी. यह बेहद भ्रामक तथ्य है कि शून्य घाटे के बजट के लक्ष्य के बदले 2013-14 में राजस्व घाटा 18915.48 करोड़ रुपये कैसे हो गया. वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराये गये अतिरिक्त फंड को पूरी तरह नजरअंदाज किया है. राज्य के वित्त मंत्री ने कोयले की रॉयल्टी से मिलने वाली बड़ी सुविधा को भी नजरअंदाज किया है. राज्य बजट जनता को गुमराह करने वाला है और आने वाले नगरपालिका चुनाव के मद्देनजर इसे लोक लुभावन बनाने की कोशिश की गयी है.

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