स्तन कैंसर से बचने के लिए नियमित जांच जरूरी : डॉ घोष

कोलकाता. बदलते लाइफ स्टाइल के कारण कई प्रकार के रोगों का शिकार होना पड़ रहा है. स्तन कैंसर भी तेजी से बढ़ रहा है. काफी महिलाएं अपने रोग को दुनिया से छिपा कर और अधिक तकलीफ को आमंत्रण देती हैं. स्तन की विभिन्न प्रकार की समस्या से आजकल की महिलाएं ग्रस्त हैं. ब्रेस्ट ऑगमेनटेशन या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2015 8:03 PM

कोलकाता. बदलते लाइफ स्टाइल के कारण कई प्रकार के रोगों का शिकार होना पड़ रहा है. स्तन कैंसर भी तेजी से बढ़ रहा है. काफी महिलाएं अपने रोग को दुनिया से छिपा कर और अधिक तकलीफ को आमंत्रण देती हैं. स्तन की विभिन्न प्रकार की समस्या से आजकल की महिलाएं ग्रस्त हैं. ब्रेस्ट ऑगमेनटेशन या रिडक्शन सर्जरी की सहायता से इन बीमारियों का समाधान संभव है. कई बार बच्चे को दूध पिलाने में मां को दिक्कत होती है. संतान के जन्म लेने से पहले चिकित्सक का परामर्श लेने से यह असुविधा खत्म हो जाती है. स्तन कैंसर से काफी महिलाओं की मौत हो रही है. हालांकि शुरुआती चरण में रोग की पहचान एवं उसका इलाज किये जाने से स्तन कैंसर की चिकित्सा संभव है. कोलंबिया एशिया अस्पताल की प्लास्टिक व रिकंस्ट्रैक्टिव सर्जन व ब्रेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ सुपर्णा घोष ने कहा कि प्रत्येक 10 कैंसर ग्रस्त महिलाओं में से 1-2 महिलाओं में स्तन कैंसर पाया जाता है. कई बार रोगी एडवांस स्टेज में हमारे पास पहुंचता है, ऐसे में इलाज की प्रक्रिया काफी जटिल व खर्चीला हो जाती है. नियमित ब्रेस्ट चेकअप कराने अथवा किसी प्रकार की समस्या होने पर डॉक्टर का परामर्श लेने एवं जरूरत पड़ने पर कुछ टेस्ट करवाने से काफी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है. डॉ घोष ने स्पष्ट करने का प्रयास किया कि स्तन में किसी प्रकार की तकलीफ होने का मतलब स्तन कैंसर नहीं है. पर, कैंसर है या नहीं, यह जानने के लिए चिकित्सकों का परामर्श लेना जरूरी है. 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिला में इस रोग का खतरा अधिक होता है. अधिक वजन भी स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. ओरल कंट्रोसेप्टिव पिल व हामार्ेन रिप्लेसमेंट थैरेपी इस रोग का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है.

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