कोलकाता: इंग्लैंड के भावी महाराज प्रिंस चाल्र्स के जन्म की घोषणा कर दुनिया भर में सुर्खियों में छाये कोलकाता निवासी इंग्लैंड की महारानी के शाही सेवक बदर अजीम की नौकरी जाने की बात गलत है. हाल ही में लंदन से कोलकाता वापस लौटे बदर के बारे में यह खबर दुनिया भर में फैल चुकी है कि वीजा की मियाद के कारण न केवल उसे लंदन से निर्वासित कर दिया गया, बल्कि लंदन में महारानी एलिजाबेथ के आधिकारिक निवास स्थान बकिंघम पैलेस में उसकी शाही सेवक की नौकरी भी चली गयी है. पेशे से आयरन वेल्डर शेख रहीम के कई बच्चों में से एक 25 वर्षीय बदर अजीम होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के लिए लंदन गया था, जब डिग्री हासिल करने के बाद फरवरी 2012 में उसे बकिंघम पैलेस में जूनियर फुटमैन ( कनिष्ठ शाही सेवक) की मिली थी, तब से लेकर वह पिछले महीने तक वहीं तैनात था.
प्रति महीने बदर को लगभग दस हजार पाउंड वेतन मिलता था. बदर को उस समय शोहरत मिली जब प्रिंस जॉर्ज के जन्म की आधिकारिक घोषणा के लिए वह बकिंघम पैलेस की प्रेस सेकेट्ररी के साथ लंबा कोट पहने दुनिया के सामने आया था. इस यादगार लम्हे के चंद दिनों के बाद ही उसे कोलकाता लौट जाना पड़ा. यह अफवाह फैल गयी कि वीजा की मियाद खत्म होने के कारण उसे नौकरी से भी निकाल दिया गया है. पर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह बात ठीक नहीं है.
उसे वीजा की मियाद खत्म होने के कारण कोलकाता वापस भेजने की बात तो सही है, पर बदर के पारिवारिक सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार उसकी शाही सेवक की नौकरी बची हुई है. इसलिए बकिंघम पैलेस प्रबंधन से निर्देश मिलने के बाद ही उसने मीडिया से बात करना न केवल बंद कर दिया है, बल्कि वह अपने घर से भी बड़े ही गोपनीय तरीके से बाहर निकलता है. लंदन से वापस आने के बाद बदर ने कई टीवी चैनलों व अखबारों के साथ खुल कर बात की थी. कुछ विदेशी मीडिया वाले भी उसकी कहानी के कवरेज के लिए यहां आये थे. बकिंघम पैलेस प्रबंधन को जब यह पता चला तो उन लोगों ने फौरन बदर को ईमेल कर उसे मीडिया से बात करने से मना कर दिया. साथ ही उसे आश्वस्त किया गया कि उसकी नौकरी अभी तक बची है.
इसलिए बदर ने फौरन मीडिया से कन्नी काट लिया. सूत्रों के अनुसार लंदन का वीजा दोबारा हासिल करने के लिए बदर ने कोशिश भी शुरू कर दी है. अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो इस वर्ष के अंत तक बदर अजीम फिर से बकिंघम पैलेस में शाही सेवक की वर्दी में दिखायी दे सकता है.