पाकिस्तान पर मेहरबान मुफ्ती
पाकिस्तान आजकल गदगद है. इसकी वजह है. उसे बैठे बिठाए अपना पैरोकार मुफ्ती मोहम्मद सईद के रूप में मिल गया है. जो काम अलगाववादी संगठन और पाकिस्तान नहीं कर पा रहा है वह मुफ्ती कश्मीर में घर बैठे कर रहे हैं. मुफ्ती पाकिस्तान को मुफ्त में मिल गये हैं. अलगाववादी और पाकिस्तान मुफ्ती के भाई […]
पाकिस्तान आजकल गदगद है. इसकी वजह है. उसे बैठे बिठाए अपना पैरोकार मुफ्ती मोहम्मद सईद के रूप में मिल गया है. जो काम अलगाववादी संगठन और पाकिस्तान नहीं कर पा रहा है वह मुफ्ती कश्मीर में घर बैठे कर रहे हैं. मुफ्ती पाकिस्तान को मुफ्त में मिल गये हैं. अलगाववादी और पाकिस्तान मुफ्ती के भाई बन बैठे हैं. अनाप शनाप बयानबाजी के बाद मुफ्ती ने अब चार साल से जेल में बंद हुर्रियत के अलगाववादी नेता मसरत आलम को रिहा कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जान सांसत में फंसी है. उसे न निगलते बन रहा है न उगलते. मुफ्ती डंके की चोट पर भाजपा या यूं कहें मोदी को ठेंगा दिखा रहे हैं. मोदी सरकार को तुरंत साझा सरकार के मोह से अलग हो जाना चाहिए और मुफ्ती की जगह कोई और विकल्प तुरंत ढूंढना चाहिए. यदि ऐसा संभव नहीं होता तो राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिए. मुफ्ती के साथ भाजपा का गंठबंधन किसी भी सूरत में राष्ट्र हित में नहीं है. प्रदीप गुप्ता, खरीदा गेट, खड़गपुर