पैसे लेकर सिविक पुलिस में भरती का आरोप

कोलकाता : वेस्ट बंगाल सिविक पुलिस एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि सिविक पुलिस में पैसे के बल पर नियुक्ति का गोरखधंधा चल रहा है. एक संवाददाता सम्मेलन में संगठन के सचिव संजय पुरिया ने कहा कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि एक से डेढ़ लाख रुपये देकर युवक सिविक पुलिस की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2015 7:12 AM

कोलकाता : वेस्ट बंगाल सिविक पुलिस एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि सिविक पुलिस में पैसे के बल पर नियुक्ति का गोरखधंधा चल रहा है. एक संवाददाता सम्मेलन में संगठन के सचिव संजय पुरिया ने कहा कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि एक से डेढ़ लाख रुपये देकर युवक सिविक पुलिस की नौकरी कर रहे हैं.मेदिनीपुर में रुपये के बल पर सिविक पुलिस में नियुक्ति की सबसे अधिक घटना देखने को मिली है. श्री पुरिया ने बताया कि राज्य में सिविक पुलिसकर्मियों की संख्या एक लाख 30 हजार है, जिनकी हालत बेहद दयनीय है.

कहने को तो हमें रोजाना 141 रुपये की दर से वेतन मिलता है, लेकिन वेतन के लिए चार-छह महीने तक इंतजार करना पड़ता है. हमारे वेतन के साथ-साथ हमारे काम के समय का भी कोई ठीक नहीं है. कहीं भी किसी भी समय हमें काम पर लगा दिया जाता है, लेकिन वेतन के समय सरकार का खजाना खाली हो जाता है. इस बारे में हम लोगों ने कई बार सरकार से आवेदन किया है, लेकिन आज तक सरकार ने हमारे आवेदन को गंभीरता से नहीं लिया है. पुलिस मंत्री की निंदा करते हुए श्री पुरिया ने आरोप लगाया कि उन्हें न तो कुछ आता है और न ही उन्हें किसी बात की जानकारी है.

अपनी बात रखने पर हमें सस्पेंशन लेटर थमा दिया जाता है. अधिकतर सिविक पुलिसकर्मियों को आज तक अप्वाइंटमेंट लेटर ही नहीं मिला है, ऐसे में उन्हें सस्पेंशन लेटर कैसे दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हावड़ा के अरूप भंडारी के भाई को नौकरी देकर अच्छा काम किया है. एक तरफ मुख्यमंत्री युवती की इज्जत बचाने के लिए अपनी जान की कुर्बानी देनेवाले युवक के भाई को नौकरी दे रही हैं, वहीं दूसरी तरफ वह सिविक पुलिस के वजूद से ही इनकार कर रही हैं. यह कैसी नीति है. श्री पुरिया ने कहा कि जल्द ही हमलोग अपनी मांगों पर आधारित एक ज्ञापन श्रम मंत्री एवं मुख्य सचिव को सौंपेंगे.

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