छोटे उपक्रमों को यूरोप से मिल रही कुशल तरीकों की जानकारी

कोलकाता. ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों के विशेषज्ञ भारत के छोटे और मझोले उपक्रमों में पर्यावरण अनुकुल और सधे तरीके अपनाने के गुर सिखाने के अभियान पर निकले हैं. कोलकाता के यादवपुर विश्वविद्यालय द्वारा वित्तपोषित 5.5 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के बेहतरीन कार्य-प्रणालियों को साझा कर रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2015 9:04 PM

कोलकाता. ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों के विशेषज्ञ भारत के छोटे और मझोले उपक्रमों में पर्यावरण अनुकुल और सधे तरीके अपनाने के गुर सिखाने के अभियान पर निकले हैं. कोलकाता के यादवपुर विश्वविद्यालय द्वारा वित्तपोषित 5.5 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के बेहतरीन कार्य-प्रणालियों को साझा कर रहे हैं. महानगर में एक कार्यक्रम के दौरान बर्मिंघम के एस्टन बिजनेस स्कूल के प्रशंात डे ने बताया कि इसका लक्ष्य हरित आपूर्र्ति श्रृंखला प्रबंधन मॉडल पर छोटे और मंझोले उपक्रमों के प्रदर्शन में सुधार लाना है. इससे बर्बादी और लागत कम होगी, कार्य प्रदर्शन सुधरेगा और पर्यावरण पर कम या नाममात्र का असर होगा. उन्होंने कहा कि हम कोई उल्लेखनीय प्रौद्योगिकी नहीं दे रहे बल्कि सिर्फ यह विचार साझा कर रहे हैं कि ऐसा कैसे किया जाये. इस परियोजना को इंडो जर्मन चेंबर आफ कामर्स और फेडरेशन आफ स्मॉल मीडियम इंडस्टरीज भी मदद कर रही है.

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