दो साल की बच्ची की मौत के बाद भड़के परिजन, मेडिकल कॉलेज में किया हंगामा

मालदा: दो साल की एक कन्या संतान की मौत पर परिजनों ने चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगा कर मालदा मेडिकल कॉलेज में व्यापक प्रदर्शन किया. मेडिकल कॉलेज के शिशु विभाग के चेयर,टेबल आदि तोड़ दिये गये. तोड़फोड़ व प्रदर्शन की घटना आज सुबह छह बजे के आसपास मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में घटी. विरोध […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2015 6:36 AM

मालदा: दो साल की एक कन्या संतान की मौत पर परिजनों ने चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगा कर मालदा मेडिकल कॉलेज में व्यापक प्रदर्शन किया. मेडिकल कॉलेज के शिशु विभाग के चेयर,टेबल आदि तोड़ दिये गये. तोड़फोड़ व प्रदर्शन की घटना आज सुबह छह बजे के आसपास मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में घटी. विरोध प्रदर्शन की खबर मिलते ही पुलिस मेडिकल कॉलेज पहुंची और स्थिति को सामान्य किया. मृत बच्ची के परिजनों ने पूरे मामले की जानकारी शिकायत के रूप में मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल एमए रसीद से दी.

मृत बच्ची का नाम दिया रजक है. उसके पिता रथिन रजक पेश से टैक्सी चालक व मां चुमकी रजक गृहवधू है. घर इंग्लिशबाजार थानांतर्गत महदीपुर गांव में है. उनके दो बच्चों में मृत बच्ची छोटी थी. बीते पांच मार्च को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के साथ उसे मेडिकल कॉलेज के शिशु विभाग में भरती की गयी थी. आज तड़के अचानक बच्ची की मौत हो गयी. इसके बाद गुस्साए परिजनों ने मेडिकल कॉलेज पर चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगा कर शिशु विभाग में तोड़फोड़ की. साथ ही वहां मौजूद नर्स व स्वास्थ्य कर्मचारियों को घेर कर प्रदर्शन किया. बाद में मेडिकल कॉलेज के पुलिस कैंप से पुलिस वहां पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया. मृत बच्ची के पिता रथिन रजक ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में भरती कराने के बाद उनकी बच्ची स्वस्थ्य हो गयी थी.

चिकित्सकों ने भी इस बात की पुष्टि की थी. सोमवार को अस्पताल प्रबंधन को कहा गया था कि बच्ची को हमलोग घर ले जाना चाहते हैं. अस्पताल प्रबंधन ने छुट्टी नहीं दी. आज तड़के पांच बजे के आसपास एक नर्सिग स्टाफ ने बच्ची को एक इंजेक्शन दिया और उसके कुछ देर बाद ही बच्ची ने छटपटाना शुरू कर दिया. आधे घंटे के भीतर अस्पताल प्रबंधन ने बच्ची की मौत की पुष्टि कर दी.

रथिन रजक का आरोप है कि गलत इंजेक्शन देने के कारण बच्ची की मौत हुई है. मालदा मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल एमए रसीद ने बताया कि बच्ची की हालत शुरू से ही खराब थी. स्वस्थ नहीं होने तक किसी मरीज को छुट्टी नहीं दी जाती है. चिकित्सकों पर गलत इलाज करने का बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है. पूरे मामले की जांच के लिए डिप्टी अधीक्षक को निर्देश दिया गया है. इधर, इंग्लिशबाजार थाने के आइसी दिलीप कर्मकार ने बताया कि मालदा मेडिकल कॉलेज में बच्ची की मौत के सिलसिले में किसी भी पक्ष की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं की गयी है. शिकायत दर्ज कराने पर मामले की आवश्यक जांच की जायेगी.

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