रानाघाट (पश्चिम बंगाल) : यहां एक कान्वेन्ट में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई 71 वर्षीय नन को आज तडके अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और वह अज्ञात स्थान के लिए रवाना हो गईं। घटना को छह दिन गुजर चुके हैं और अब तक इस सिलसिले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.
रानाघाट के अनुमंडलीय अस्पताल के अधीक्षक ए एन मंडल ने बताया कि नन को कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ले जाया गया, जहां से वह किसी अज्ञात स्थान के लिए रवाना हो गईं। हवाई अड्डा यहां से 64 किलोमीटर के फासले पर है.
उन्हें तडके 2.20 बजे अस्पताल से छुट्टी दी गई और 25 मिनट बाद ही वह कान्वेंट के अधिकारियों के साथ अपना सामान लेकर वहां से रवाना हो गईं. अस्पताल के एक डाक्टर तापस मलिक और कान्वेन्ट के अधिकारी हवाई अड्डे तक बुजुर्ग नन के साथ थे. उन्हें अगले दस दिन की दवा दी गई है. मंडल ने बताया कि नन से कहा गया है कि वह जहां भी हों, दस दिन के बाद किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ और मनोरोग विशेषज्ञ की सलाह लें.
मंडल ने बताया कि नन के उपचार के लिए अस्पताल द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड ने कल उनकी जांच की और पाया कि वह शारीरिक और मानसिक रुप से पूरी तरह ठीक हैं. इस संबंध में बात करने के लिए कान्वेंट के अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पाया. इस बीच गंगनापुर के कान्वेन्ट आफ जीसस एंड मेरी स्कूल, जहां यह नन सिस्टर सुपीरियर थीं, में कामकाज सामान्य ढंग से चल रहा है.
पुलिस का कहना है कि घटना को छह दिन बीत जाने के बावजूद अब तक किसी आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता नहीं मिल पाई है. हालांकि 15 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. पश्चिम बंगाल सरकार ने 18 मार्च को यह मामला सीबीआई के हवाले करने का फैसला किया क्योंकि आरोपियों के फरार होने के चलते पीडिता के लिए न्याय की मांग तेज होती जा रही थी। वैसे जांच एजेंसी ने औपचारिक रुप से मामला अपने हाथ में अभी नहीं लिया है.
आपको बता दें कि बुधवार को कैथोलिक कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बेसेलियोस कार्डिनल क्लीमिस ने 71 वर्षीय नन से मुलाकात की थी और उनके साथ अस्पताल में प्रार्थना की थी. गंगनापुर पहुंचने के तुरंत बाद कार्डिनल अन्य ननों को नैतिक समर्थन देने के लिए उनसे मिलने कॉन्वेन्ट गए थे. फिर उन्होंने अस्पताल में नन से मुलाकात की.
उन्होंने कहा था, ‘‘इंसाफ प्रत्यक्ष तौर पर दिखना चाहिए और इस तरह का कृत्य दोबारा नहीं होना चाहिए. हम व्यक्तिगत तौर पर यहां घटी घटना के बारे में जानने के लिए आए हैं.’’इंसाफ की मांग के जोर पकडने और दोषियों के अभी भी पकड से बाहर होने के कारण कल पश्चिम बंगाल सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था. कार्डिनल ने राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बाद कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच के निर्देश दिए हैं और हम खुश एवं संतुष्ट हैं. हम अच्छे नतीजे की उम्मीद करते हैं.’’
ऑर्चबिशप ऑफ कोलकाता थॉमस डीसूजा ने भी रानाघाट सामूहिक बलात्कार मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के राज्य सरकार के कदम का स्वागत किया था. हालांकि उन्होंने इस बात पर निराशा जाहिर की कि राज्य सरकार अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं कर पाई है. पुलिस ने कहा था कि अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है. हालांकि इस संबंध में 15 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है. कॉन्वेन्ट ऑफ जीसस एंड मेरी की 71 वर्षीय सिस्टर सुपीरियर के साथ शनिवार तडके नदिया जिले के रानाघाट उपखंड स्थित गंगनापुर में सामूहिक बलात्कार हुआ था.