हम रामजी के, रामजी हमारे हैं : प्रेम भूषण महाराज
फोटो पेज 11 पर है अयोध्या. हम रामजी के और रामजी हमारे हैं. इस जीवन में राम के त्याग व भरत के प्रति अनुराग को अपनाना चाहिए. भगवान के काम में, उनके भजन में विश्राम नहीं है. राम के चरणों में प्रेम करो ताकि तुम्हारा कल्याण हो सके. जगत में नहीं रहना चाहिए. सिर्फ भगवान […]
फोटो पेज 11 पर है अयोध्या. हम रामजी के और रामजी हमारे हैं. इस जीवन में राम के त्याग व भरत के प्रति अनुराग को अपनाना चाहिए. भगवान के काम में, उनके भजन में विश्राम नहीं है. राम के चरणों में प्रेम करो ताकि तुम्हारा कल्याण हो सके. जगत में नहीं रहना चाहिए. सिर्फ भगवान के चरणों में रमो. भगवान राम की जिस पर कृपा हो जाये, उसका सारा काम सफल हो जाता है. भगवान राम हृदय में हों, तो शत्रु मित्र हो जायेंगे. विष अमृत हो जाता है. राम कथा के प्रथम वक्ता शिव हैं. भगवान राम की कथा हमारे जीवन को मंगल करती है. ये बातें प्रेममूर्ति पूज्य संत प्रेमभूषण महाराज ने श्रीराम कथा पर प्रवचन करते हुए कहीं. मालूम हो कि प्रेम भूषण महाराज का अयोध्या में श्रीराम कथा का आयोजन 12 वर्ष पूर्ण होने पर इस कथा का विशेष रूप से आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि स्कंद पुराण के अनुसार कोई शुभ संकल्प पूरा होता है, तो वह तपोयुग कहलाता है. कथा सुनने के लिए देश के विभिन्न इलाकों से हजारों श्रद्धालु यहां आये हुए हैं.