यादवपुर विश्वविद्यालय में एक्यूप्रेशर जागरूकता कैंप

-विद्यार्थियों को एक्यूप्रेशर थेरेपी के बारे में दी गयी जानकारीकोलकाता. यादवपुर विश्वविद्यालय के हेल्थ साइंस डिपार्टमेंट द्वारा पहली बार बुधवार को एक्यूप्रेशर जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया. कैंप के लिए एक्यूप्रेशर शिक्षा सेवा केंद्र पश्चिम बंगाल को आमंत्रित किया गया. कैंप के दौरान एक्यूप्रेशर शिक्षा सेवा केंद्र के संस्थापक सदस्य सज्जन सहल ने लगभग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2015 9:04 PM

-विद्यार्थियों को एक्यूप्रेशर थेरेपी के बारे में दी गयी जानकारीकोलकाता. यादवपुर विश्वविद्यालय के हेल्थ साइंस डिपार्टमेंट द्वारा पहली बार बुधवार को एक्यूप्रेशर जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया. कैंप के लिए एक्यूप्रेशर शिक्षा सेवा केंद्र पश्चिम बंगाल को आमंत्रित किया गया. कैंप के दौरान एक्यूप्रेशर शिक्षा सेवा केंद्र के संस्थापक सदस्य सज्जन सहल ने लगभग सवा सौ छात्र-छात्राओं को एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया एवं उसके उपयोग और लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी दी. इधर विश्वविद्यालय के हेल्थ साइंस विभाग की ओर से प्रोफेसर विप्लव बर्मन ने बताया कि हमारे यहां योगा, प्राकृतिक चिकित्सा, जिम जैसे कई विभाग हैं जो अल्ट्रा मेडिसिन ट्रीटमेंट के तौर पर विकसित किये जा रहे हैं, इसी क्रम में एक्यूप्रेशर को भी सम्मिलित करने हेतु बुधवार को एक्यूप्रेशर जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया. श्री सहल ने कहा कि कई बड़ी बीमारियों को ठीक करने में एक्यूप्रेशर पद्धति का इस्तेमाल किया जा रहा है. पहले अन्य देशों की तरह भारत में भी इस चिकित्सा पद्धति को तवज्जो दी जा रही है. यादवपुर विश्वविद्यालय के हेल्थ साइंस डिपार्टमेंट द्वारा ऐसी पहल काफी सराहनीय है. कैंप के दौरान एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट मोहिनी श्रीवास्तव ने उपस्थित विद्यार्थियों को कमर का दर्द, घुटनों, एड़ी व गर्दन में दर्द जैसी समस्याओं को निदान के बारे में बताया जबकि थेरेपिस्ट आरती सिंह ने रंग थैरेपी के विभिन्न पहलुओं और फायदे के बारे में प्रकाश डाला. कैंप के दौरान मौजूद वरिष्ठ कथाकार कपिल आर्य ने कहा कि इस कार्यक्रम को देखकर ऐसा महसूस हुआ कि समाज में दवाओं की जरूरत कम होनी चाहिए. भविष्य में ऐसे कैंप को बढ़ाना दिया जाना चाहिए.

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