आलू किसानों की स्थिति के लिए राज्य सरकार जिम्मेवार

कोलकाता: प्रदेश भाजपा के प्रभारी सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आरोप लगाया है कि बंगाल में आलू किसानों की दयनीय हालत के लिए पूरी तरह राज्य सरकार जिम्मेवार है. देश के अन्य हिस्सों में किसानों की हालत जहां प्राकृतिक कारणों की वजह से खराब हुई है. वहीं, यहां की स्थिति ममता सरकार की देन है. जहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2015 6:48 AM
कोलकाता: प्रदेश भाजपा के प्रभारी सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आरोप लगाया है कि बंगाल में आलू किसानों की दयनीय हालत के लिए पूरी तरह राज्य सरकार जिम्मेवार है. देश के अन्य हिस्सों में किसानों की हालत जहां प्राकृतिक कारणों की वजह से खराब हुई है. वहीं, यहां की स्थिति ममता सरकार की देन है.

जहां देश के अन्य राज्यों में बेमौसम बरसात से आलू की फसल खराब हुई, वहीं बंगाल में सरकार की नीतियों के कारण किसानों को आत्महत्या करनी पड़ी है. बंगाल सरकार ने गत वर्ष दूसरे राज्यों में आलू भेजने पर पाबंदी लगा दी थी. इसलिए इस वर्ष जब आलू की फसल अधिक हुई, तो दूसरे राज्यों के व्यापारियों व उपभोक्ताओं को बंगाल के किसानों पर भरोसा नहीं हुआ. लिहाजा यहां आलू रखे-रखे सड़ गये.

केंद्र सरकार को अंदाजा हो गया था कि इस वर्ष बंगाल, उत्तर प्रदेश और पंजाब में आलू की उपज अधिक होगी. लिहाजा मोदी सरकार ने आलू के भेजने पर लगी पाबंदी को हटा लिया था. उत्तर प्रदेश व पंजाब की सरकार ने केंद्र सरकार से मिलकर पहले ही आलू के निर्यात की व्यवस्था कर ली थी. लेकिन बंगाल सरकार ने अपने अहम के कारण केंद्र सरकार से बात नहीं की. उत्तर प्रदेश व पंजाब में किसी किसान ने आत्महत्या नहीं की. ममता सरकार ने केंद्र के सुझाव को नहीं माना. यहां की सरकार किसानों के घावों पर नमक भी छिड़क रही है. बंगाल के कृषि राज्य मंत्री बेचाराम मान्ना ने कहा कि किसानों की आत्महत्या पारिवारिक कारणों की वजह से हुई है. 17 आलू किसानों ने इसलिए आत्महत्या कर ली है, क्योंकि उनपर कर्ज का बोझ हो गया था.

भाजपा शासित राज्यों में ऐसी स्थिति होने पर सरकार ने कर्ज माफी व छूट का रास्ता अपनाया था. वही रास्ता यहां क्यों नहीं अपनाया जा सकता. आलू किसानों की हालत जानने के लिए भाजपा का प्रतिनिधि दल हुगली जिले में रविवार को जायेगा, जिसमें श्री सिंह के अलावा राहुल सिन्हा, सांसद एसएस अहलूवालिया भी होंगे. व राज्य के अन्य नेता होंगे. यह दल वहां के किसानों से मिलेगा और इस बाबत केंद्र को एक रिपोर्ट भी सौंपेगा.

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