राज्य की पांच नगरपालिकाओं को नोटिस (आंकड़ा
केंद्र सरकार ने गंगा की सफाई के लिए जम कर कमर कसी है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक मंत्रालय तक का गठन किया गया है. जिसकी जिम्मेदारी उमा भारती को सौंपी गयी है. पर देश के कई राज्य की नगरपालिकायें इस अभियान में गंभीरतापूर्वक भूमिका नहीं निभा रही है. इस मामले में […]
केंद्र सरकार ने गंगा की सफाई के लिए जम कर कमर कसी है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक मंत्रालय तक का गठन किया गया है. जिसकी जिम्मेदारी उमा भारती को सौंपी गयी है. पर देश के कई राज्य की नगरपालिकायें इस अभियान में गंभीरतापूर्वक भूमिका नहीं निभा रही है. इस मामले में उद्योग क्षेत्र की भूमिका भी काफी उदासीन है. ऐसे नगरपालिकाओं व उद्योगों को नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथोरिटी (एनजीआरबीए ) ने एक निर्देशिका भेज कर 15 दिन के अंदर एक्शन प्लान देने की मांग की है. तय समयसीमा के अंदर एक्शन प्लान नहीं बताने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी भी अथोरिटी ने दी है. जिन राज्यों की नगरपालिकाओं व उद्योगों को नोटिस भेजी गयी है, उनकी संख्या इस प्रकार है.राज्य नगरपालिकाओं की संख्या उद्योगों की संख्या उत्तराखंड 15 42उत्तर प्रदेश 31 687बिहार 26 13झारखंड 2 0पश्चिम बंगाल 44 22कुल 5 राज्य 118 नगरपालिका 764 उद्योग ध्यान देने वाली बात है कि एनजीआरबीए ने जिन नगरपालिकाओं को नोटिस भेजी है, उनमें सबसे अधिक नगरपालिकाओं का संबंध पश्चिम बंगाल से है. राज्य के जिन उद्योगों को नोटिस भेजी गयी है, उनमें हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स, इंडियन ऑयल की हल्दिया रिफायनरी, एमसीसी पीटीए, यूनाइटेड बेवरिज, मदर डेयरी, डानकुनी कोल कंप्लेक्स, ब्रिटानिया इंड्रस्ट्रिज इत्यादि बड़े उद्योग शामिल हैं.