अदालत के इस आदेश से एक दिन पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में ‘ सांप्रदायिक तनाव और सार्वजनिक शांति में बाधा ’ की आशंका को लेकर तोगड़िया के प्रवेश पर पाबंदी लगायी थी. उधर, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के संगठन महासचिव (पूर्व) सचिंद्र नाथ सिन्हा ने गुरुवार को कोलकाता में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से प्रदेश में प्रवीण तोगड़िया के प्रवेश पर पाबंदी को लेकर जारी निषेधात्मक आदेश को वह कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे.
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ममता सरकार के फरमान पर कोर्ट की रोक
कोलकाता / रायगंज: स्थानीय अदालत ने गुरुवार को उत्तर दिनाजपुर जिले में पांच अप्रैल की प्रस्तावित जनसभा के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने पर अंतरिम रोक लगा दी. इस जनसभा में विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया को शामिल होना है. विहिप जिला उपाध्यक्ष तेजेंद्र नारायण बोस ने जनसभा के लिए धारा 144 लागू करने […]
कोलकाता / रायगंज: स्थानीय अदालत ने गुरुवार को उत्तर दिनाजपुर जिले में पांच अप्रैल की प्रस्तावित जनसभा के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने पर अंतरिम रोक लगा दी. इस जनसभा में विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया को शामिल होना है. विहिप जिला उपाध्यक्ष तेजेंद्र नारायण बोस ने जनसभा के लिए धारा 144 लागू करने पर रोक की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश उत्तम कुमार शॉ ने निषेधाज्ञा पर अंतरिम रोक को मंजूरी दी.
बुधवार को विहिप नेता के खिलाफ निषेधात्मक आदेश जारी करते हुए प्रशासन की तरफ से कहा गया कि प्रदेश में उनकी उपस्थिति से सांप्रदायिक तनाव व सार्वजनिक शांति के भंग होने का खतरा पैदा हो सकता है. विहिप के महासचिव (पूर्व) सचिंद्र नाथ सिन्हा ने कहा कि निषेधात्मक आदेश जारी करने के अलावा उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज में होनेवाली हमारी जनसभा की मंजूरी को भी रद्द कर दिया गया है, जिसे तोगड़िया संबोधित करनेवाले थे. इन दोनों फैसलों के खिलाफ विहिप कलकत्ता उच्च न्यायालय का रु ख कर रही है. श्री सिन्हा ने कहा कि निषेधात्मक आदेश मनमाने ढंग से लिया गया फैसला है और यह कानून के खिलाफ है. इसे कानूनी तौर पर चुनौती देने के लिए हम न्यायालय जा रहे हैं. इससे पहले, जनवरी में वीरभूम जिले के खरमदंगा गांव में जनजाति समुदाय के 100 से अधिक लोगों का धर्मांतरण कर उनकी धार्मिक भावना को आहत करने के आरोप में तोगड़िया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि विहिप ने घर वापसी’ कार्यक्र म का आयोजन कर लगभग 150 ईसाइयों का जबरन धर्मांतरण कर दिया. वहीं विहिप ने आरोपों का खंडन किया था और इसे केवल एक धार्मिक समारोह बताया था.
तोगड़िया ने सरकार के फैसले पर उठाया सवाल
विश्व हिंदू के नेता प्रवीण तोगड़िया ने बंगाल सरकार के कदम को गलत और हास्यास्पद करार दिया. तोगड़िया ने कहा कि क्या ममता दीदी सड़क पर नमाज अदा करनेवाले नमाजियों को, गुड फ्राइडे की प्रार्थना के लिए जा रहे ईसाइयों या हनुमान जयंती के मौके पर जुलूस निकाल रहे लोगों को गिरफ्तार करेंगी. सर्वोच्च न्यायालय ने सूचना प्रौद्योगिकी की धारा 66ए को रद्द कर दिया है, जिसकी पहुंच करोड़ों लोगों तक है, फिर दो हजार लोगों की जनसभा के लिए एक व्यक्ति पर पाबंदी क्यों लगायी गयी है. उन्होंने कहा कि आश्चर्य होता है कि ममता दीदी को इस तरह की पाबंदी की लगाने की सलाह किसने दी.
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