सीमा विवाद : केंद्र पर बरसीं ममता

– अपने फेसबुक पेज पर मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को लिया आड़े हाथ – कहा : भारत–बांग्लादेश के बीच प्रस्तावित सीमा रेखा को केंद्र सरकार ने मीडिया में किया लीक – राज्य सरकार से सहमति नहीं लेने का लगाया आरोप कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने फेसबुक पेज पर सीमा विवाद के संबंध में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2013 3:13 AM

– अपने फेसबुक पेज पर मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को लिया आड़े हाथ

– कहा : भारतबांग्लादेश के बीच प्रस्तावित सीमा रेखा को केंद्र सरकार ने मीडिया में किया लीक

– राज्य सरकार से सहमति नहीं लेने का लगाया आरोप

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने फेसबुक पेज पर सीमा विवाद के संबंध में केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है.उन्होंने लिखा है कि भारत और बांग्लादेश के बीच प्रस्तावित सीमा रेखा को सरकार ने हाल ही में मीडिया में लीक किया है. इस संबंध में काफी कुछ हुआ है. विस्तृत जांच के बाद मैंने इस बाबत कई बार विदेश मंत्री से पिछले दो वषों के दौरान चर्चा की है. वर्तमान प्रस्तावित प्रस्ताव को मानना मुश्किल है, जिसमें बांग्लादेश को जमीन दी जा रही है और इसके लिए राज्य सरकार की सहमति नहीं ली जा रही.

ममता बनर्जी ने कहा कि तीस्ता जल समझौते के मामले में ड्राफ्ट के वक्त भारत सरकार ने कुछ और कहा था और अंतिम चरण में बिल्कुल अलग प्रस्ताव दिया था. इसी तरह सीमा रेखा समझौते में राज्य सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तथा पूर्व वर्तमान विदेश मंत्री को कहा था कि जिन लोगों को स्थानांतरित किया जा रहा है, उनसे सहमति लेनी चाहिए.

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल को केवल 7000 एकड़ जमीन मिलेगी, लेकिन उसे करीब 17 हजार एकड़ जमीन बांग्लादेश को देनी होगी. स्थानांतरित किये जानेवाले इलाकों में रहनेवाले लोगों की सहमति लिये बगैर इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. हमारी जमीन और पानी को राज्य सरकार की सहमति के बिना देने की जल्दी केंद्र सरकार को क्यों है.

केंद्र सरकार किस प्रकार की राजनीति खेलना चाहती है. हाल ही में उन्होंने दाजिर्लिंग में शांति को बाधित किया है. पूर्व में भी अन्य देशों को असम त्रिपुरा की जमीन दे दी गयी. राज्य सरकार के हितों से इस तरह समझौता नहीं किया जा सकता.

केंद्र से हम देश के स्थापित संघीय ढांचे का पालन करने का अनुरोध करते हैं. बांग्लादेश के साथ हमारे दोस्ताना संबंध हैं, लेकिन यह पश्चिम बंगाल के लोगों की कीमत पर नहीं होगा.

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