केएमसी सहित अन्य निकाय चुनावों पर नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा. टैक्सी चालकों की होगी निर्णायक भूमिका
कोलकाता: केएमसी सहित अन्य निकायों के चुनाव में टैक्सी चालकों व उनके परिवार की भूमिका भी काफी अहम होगी. वे निर्णायक भूमिका अदा करेंगे. महानगर में ही करीब 45 हजार टैक्सी चालक हैं. वर्तमान की विषम परिस्थिति में एक सवाल काफी अहम है कि क्या टैक्सी चालकों की समस्याओं का समाधान हो गया है? चालकों […]
कोलकाता: केएमसी सहित अन्य निकायों के चुनाव में टैक्सी चालकों व उनके परिवार की भूमिका भी काफी अहम होगी. वे निर्णायक भूमिका अदा करेंगे. महानगर में ही करीब 45 हजार टैक्सी चालक हैं. वर्तमान की विषम परिस्थिति में एक सवाल काफी अहम है कि क्या टैक्सी चालकों की समस्याओं का समाधान हो गया है? चालकों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. केवल चालक ही नहीं, पूरे राज्य में अराजकता का माहौल है.
परिवहन सहित अन्य श्रमिकों के प्रति केंद्र सरकार का रवैया भी सही नहीं है. तृणमूल कांग्रेस नीत राज्य सरकार व भाजपा नीत केंद्र सरकार की नीति जनविरोधी है. ये आरोप प्रदेश एटक के सचिव व एटक समर्थित कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव नवल किशोर श्रीवास्तव ने लगाये. वह रविवार को भारत सभा हॉल में यूनियन की सभा को संबोधित कर रहे थे. मौके पर प्रदेश एटक के महासचिव रंजीत गुहा, एकराम खान, अवनीश शर्मा, शंकर यादव, दिलीप महतो, मुनेश्वर वर्मा, प्रदीप पाठक, मुकेश तिवारी, मोहम्मद मुश्ताक, मोहम्मद अख्तर आदि मौजूद रहे.
बड़ी संख्या में उपस्थित टैक्सी चालकों को संबोधित करते हुए श्री श्रीवास्तव ने कहा कि टैक्सियों की पार्किग, स्टैंड की समस्याएं वैसी ही हैं. चालकों के लिए शौचालय नहीं है. हावड़ा में लगातार टैक्सी चालक पुलिसिया जुल्म के शिकार हो रहे हैं. चालकों के हित को लेकर राज्य सरकार ने कई घोषणाएं की थीं, जो महज छलावा थे. केंद्र सरकार ‘रोड ट्रांसपोर्ट व सेफ्टी बिल लाने की तैयारी कर रही है, जो करीब सात करोड़ परिवहन श्रमिकों के हित में नहीं है. दुर्घटना होने पर सारा दोष मढ़ने की कोशिश है. 30 अप्रैल को देशव्यापी परिवहन हड़ताल को सफल कय्रने का आह्वान किया है. यूनियन की ओर से उन्होंने तमाम चालकों से तृणमूल व भाजपा को समर्थन नहीं करने की अपील की. वाम मोरच ही एकमात्र विकल्प है. यूनियन का चौथा सम्मेलन 19 अप्रैल को होगा.