राज्य की तबादले की नीति से शिक्षकों में असंतोष
11 मार्च को राज्य सरकार ने जारी की थी अधिसूचनाशिक्षकों के अनुभव की नहीं होगी कोई कीमतकोलकाता. राज्य की तृणमूल कांग्रेस ने कुछ दिन पहले शिक्षकों के तबादले को लेकर नयी अधिसूचना जारी की है, लेकिन राज्य सरकार के इस अधिसूचना से शिक्षकों में काफी असंतोष है. क्योंकि नये नियम के अनुसार, शिक्षकों के अनुभव […]
11 मार्च को राज्य सरकार ने जारी की थी अधिसूचनाशिक्षकों के अनुभव की नहीं होगी कोई कीमतकोलकाता. राज्य की तृणमूल कांग्रेस ने कुछ दिन पहले शिक्षकों के तबादले को लेकर नयी अधिसूचना जारी की है, लेकिन राज्य सरकार के इस अधिसूचना से शिक्षकों में काफी असंतोष है. क्योंकि नये नियम के अनुसार, शिक्षकों के अनुभव की कोई कीमत नहीं होगी. पहले किसी भी शिक्षक की साधारण बदली के समय उनके कुल कार्यकाल को जोड़ा जाता था, लेकिन नये नियम के अनुसार अब से शिक्षकों के कुल कार्यकाल का योग नहीं किया जायेगा. शिक्षक ने अंतिम बार एसएससी के माध्यम से जहां भी नियुक्ति की होगी, सिर्फ उस कार्यकाल को ही सीनियरिटी के लिए जोड़ा जायेगा. एसएससी द्वारा नियुक्ति से पहले वह कितने भी स्कूलों में क्यों न कार्य किये हों. उस कार्यकाल को सीनियरिटी के आंकलन के लिए उनके ड्यूटी पीरियड में नहीं जोड़ा जायेगा. इस संबंध में बंगीय शिक्षक व शिक्षाकर्मी समिति के कोलकाता जिला सचिव स्वपन मंडल से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वह इस संबंध में शिक्षा विभाग से जानकारी लेंगे और उसके बाद ही कुछ कह पायेंगे. गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा जारी इस अधिसूचना के अंतर्गत विद्यालय के सह-शिक्षक, उप प्रधानाध्यापक, प्रधानाध्यापक, गैर-शिक्षा कर्मचारी व लाइब्रेरियन को शामिल किया गया है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने इस बार इंटर ट्रांसफर व इंट्रा ट्रांसफर सिस्टम शुरू किया है. इंटर ट्रांसफर के माध्यम से शिक्षकों को एक जोन से दूसरे जोन में तबादला होगा, जबकि इंट्रा ट्रांसफर में एक ही जोन के विभिन्न जिलों में तबादले की सुविधा दी जायेगी.