न्यूज इन नंबर्स : नहीं थम रहे बाल विवाह के मामले
कई समाजसेवी संस्थाएं व प्रशासन की ओर से बाल विवाह रोकने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. इसके लिए जागरूकता अभियान भी जारी हैं. इसके बावजूद देश में बाल विवाह के मामलों में पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पाया है. जानकारी के मुताबिक बंगाल के मालदा, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, मेदिनीपुर जैसे जिलों में […]
कई समाजसेवी संस्थाएं व प्रशासन की ओर से बाल विवाह रोकने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. इसके लिए जागरूकता अभियान भी जारी हैं. इसके बावजूद देश में बाल विवाह के मामलों में पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पाया है. जानकारी के मुताबिक बंगाल के मालदा, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, मेदिनीपुर जैसे जिलों में बाल विवाह की घटनाएं घटती हैं. कई बाल विवाह को रोक पाने में पुलिस सफल रहती है लेकिन कई घटनाएं बाद में पता चल पाती हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट पर गौर करें तो प्रति वर्ष देश में बाल विवाह के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. देश में मुख्य रूप से चार-पांच राज्यों में बच्चों के अपहरण केमामले ज्यादा होते हैं. इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल व तमिलनाडु शामिल हैं. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2009 से 2013 तक यानी पांच वर्षों में देश में बाल विवाह के करीब 567 मामले दर्ज किये गये. इस अंतराल में बंगाल में बाल विवाह के मामलों की संख्या लगभग 111 रही, जबकि इस अवधि में कर्नाटक में ऐसे करीब 69 मामले दर्ज किये गये.देश में बाल विवाह के मामले :वर्ष संख्या201322220121692011113201060200903बंगाल में बाल विवाह के मामले :वर्ष संख्या2013432012432011252010शून्य2009शून्यकर्नाटक में बाल विवाह के मामले :वर्ष संख्या201326201220201112201008200903