कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट की ओर से राज्य सरकार को चार हफ्ते के भीतर हलफनामा दायर कर यह बताने के लिए कहा गया है कि श्यामल सेन कमीशन में कितनी राशि सरकार की रखी हुई है तथा कितनी राशि आवंटित करनी बाकी है. सामाजिक कार्यकर्ता सुबीर दे द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया. याचिका में मांग की गयी थी कि सारधा घोटाले की जांच तथा निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए गठित श्यामल सेन कमीशन की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाये. जस्टिस सेन की सिफारिशों को भी लोगों के सामने लाया जाये. मुख्यमंत्री ने 500 करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की थी. कमीशन ने समूची राशि का वितरण नहीं किया था. बाकी की राशि का भी वितरण किया जाना चाहिए. विशेष जांच दल ने कमीशन के सामने जो रिपोर्ट फाइल की थी उसे भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए. आवेदन में हाइकोर्ट से एक कमेटी का गठन करने का अनुरोध किया गया था जिसका नेतृत्व पूर्व न्यायाधीश दें ताकि सारधा के निवेशकों को 500 करोड़ में से पैसे लौटाये जा सके.
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श्यामल सेन आयोग के संबंध में सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट की ओर से राज्य सरकार को चार हफ्ते के भीतर हलफनामा दायर कर यह बताने के लिए कहा गया है कि श्यामल सेन कमीशन में कितनी राशि सरकार की रखी हुई है तथा कितनी राशि आवंटित करनी बाकी है. सामाजिक कार्यकर्ता सुबीर दे द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता […]
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