यादवपुर विश्वविद्यालय की गिनती देश के बेहतरीन उच्च शिक्षा संस्थानों में होती है, पर जरूरत के अनुसार अध्यापक नहीं होने का असर यहां की शिक्षा के स्तर पर पड़ रहा है. ऊपर से अध्यापकों की नियुक्ति भी नहीं हो रही है, जिसका खामियाजा यहां के छात्रों को चुकाना पड़ रहा है. यादवपुर विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी की कहानी कुछ इस प्रकार है.कुल अध्यापक पद – 894स्थायी अध्यापक – 665रिक्त पद – 229प्रिंटिंग विभाग में शिक्षकों की कमी- 30 प्रतिशतरसायन विभाग में रिक्त पद – 15अंग्रेजी विभाग में शिक्षकों के पद – 24वर्तमान में शिक्षक – 16अध्यापकों की कमी की समस्या से सबसे अधिक इंजीनियरिंग विभाग प्रभावित हो रहा है. शिक्षकों की कमी से छात्रों के साथ-साथ विभागीय प्रधान भी परेशान हैं. अंग्रेजी, इतिहास, सिविल इंजीनियरिंग व रसायन आदि विभाग में यह समस्या सबसे जटिल है. पिछले एक वर्ष से भूगोल विभाग में स्नातक स्तर पर पढ़ाई शुरू करने का प्रयास चल रहा है, पर एक वर्ष में इस विभाग में केवल एक ही शिक्षक की नियुक्ति हुई है. हालांकि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रदीप घोष दावा कर रहे हैं कि समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.
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अध्यापकों की संख्या कम, पढ़ाई में आ रही बाधा (आंकड़ा)
यादवपुर विश्वविद्यालय की गिनती देश के बेहतरीन उच्च शिक्षा संस्थानों में होती है, पर जरूरत के अनुसार अध्यापक नहीं होने का असर यहां की शिक्षा के स्तर पर पड़ रहा है. ऊपर से अध्यापकों की नियुक्ति भी नहीं हो रही है, जिसका खामियाजा यहां के छात्रों को चुकाना पड़ रहा है. यादवपुर विश्वविद्यालय में शिक्षकों […]
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