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रडार प्रणाली से होगी तटीय निगरानी

कोलकाता: सुंदरवन डेल्टा के लिए तटीय सुरक्षा व्यवस्था को एक नयी बुलंदी मिलनेवाली है, क्योंकि इस क्षेत्र में रडार के जरिये निगरानी की व्यवस्था का प्रस्ताव लाया गया है. इस क्षेत्र की समुद्री सीमा बांग्लादेश के साथ लगती है. सूत्रों ने बताया कि इस संदर्भ में एक परियोजना रिपोर्ट पहले ही केंद्र सरकार के पास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2015 7:22 AM
कोलकाता: सुंदरवन डेल्टा के लिए तटीय सुरक्षा व्यवस्था को एक नयी बुलंदी मिलनेवाली है, क्योंकि इस क्षेत्र में रडार के जरिये निगरानी की व्यवस्था का प्रस्ताव लाया गया है. इस क्षेत्र की समुद्री सीमा बांग्लादेश के साथ लगती है. सूत्रों ने बताया कि इस संदर्भ में एक परियोजना रिपोर्ट पहले ही केंद्र सरकार के पास जमा करायी जा चुकी है और इस पर गंभीरता के साथ विचार किया जा रहा है.
तटीय सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक राज कनौजिया ने बताया कि हम सुंदरवन क्षेत्र में रडार के जरिये निगरानी की परियोजना शुरू करने की योजना बना रहे हैं, जिसके दायरे में बंगाल का पूरा तटीय क्षेत्र आयेगा. ऐसा पहली बार होगा, जब किसी राज्य में इतने बड़े स्तर पर ऐसी कोई परियोजना शुरू की जायेगी. केंद्र इस पर गंभीरता के साथ गौर कर रहा है. राज्य गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार केंद्र के विशेषज्ञों का एक दल पहले ही राज्य का दौरा कर चुका है और सैद्धांतिक रूप से परियोजना पर सहमति जता चुका है.

श्री कनौजिया ने कहा कि इस परियोजना को समूचे सुंदरवन क्षेत्र में खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी करने और टोह लेने की क्षमताएं जांचने के लिए तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि सुंदरवन क्षेत्र में लगभग 104 द्वीप हैं और इनमें से 80 प्रतिशत ऐसे हैं, जिनमें कोई रहता नहीं है और ये मुख्य वन्यक्षेत्र में पड़ते हैं. चूंकि यहां कोई नहीं रहता है, इसलिए यहां मानव के माध्यम से खुफिया जानकारी जुटाने का विकल्प नहीं है. इसलिए यहां रडार के जरिये निगरानी से बड़ी मदद मिलेगी. तटीय सुरक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस प्रणाली को लगाने और प्रणाली की स्थापना के संबंध में विशिष्ट दक्षता रखनेवाली तकनीकी एजेंसियों से बात करने के बाद एक पूरी रिपोर्ट तैयार की है. इसके साथ ही यह भी पता लगाने का प्रयास किया गया है कि सुंदरवन में तटीय पुलिस चौकियों समेत सभी पुलिस चौकियों के साथ यह व्यवस्था किस तरह तालमेल बैठाते हुए काम करेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि रडार निगरानी परियोजना पर 150 करोड़ रुपये की लागत आयेगी.

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