तकनीक में पिछड़ती बंगाल पुलिस
कोलकाता: आधुनिकीकरण व संसाधनों के मामले में लगातार विकास करने के बावजूद अपराधियों की जानकारी हासिल करने की पद्धति में राज्य की पुलिस जैसे पिछड़ती जा रही है. यही कारण है कि गिरफ्तारी के बाद कोलकाता पुलिस को इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकी यासिन भटकल धोखा देने में कामयाब हो गया और उसे जमानत भी मिल […]
कोलकाता: आधुनिकीकरण व संसाधनों के मामले में लगातार विकास करने के बावजूद अपराधियों की जानकारी हासिल करने की पद्धति में राज्य की पुलिस जैसे पिछड़ती जा रही है. यही कारण है कि गिरफ्तारी के बाद कोलकाता पुलिस को इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकी यासिन भटकल धोखा देने में कामयाब हो गया और उसे जमानत भी मिल गयी.
26/11 के मुबंई हमले के बाद तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम की पहल पर सीसीटीएनएस पद्धति का कार्य शुरू किया गया था. सीसीटीएनएस पद्धति द्वारा सभी थानों को नेटवर्क के जरिये एक साथ जोड़ा जा सकता है, ताकि अपराधियों की पहचान और उन्हें पकड़ने में पुलिस को सुविधा मिले. देश के लगभग 14 हजार थानों को सीसीटीएनएस पद्धति के जरिये एक सूत्र में बांधने के लिए केंद्र से करीब दो हजार करोड़ रुपये आबंटित किये गये.
एक वर्ष पहले ही सीसीटीएनएस पद्धति के पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू हो गया. सूत्रों के अनुसार, बंगाल में इस सीसीटीएनएस पद्धति के लिए कार्य विधाननगर उत्तर थाना व कोलकाता पुलिस के अंतर्गत उल्टाडांगा थाना से शुरू हुआ. शुरुआती दौर में विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत लगभग 28 थानों व कोलकाता पुलिस के लगभग चार थानों में ही इस पद्धति का इस्तेमाल शुरू हो पाया.