मेक इन इंडिया साकार करने के लिए उद्यमियों से अपील

कोलकाता. भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को पटरी पर लाने के लिए सेवा कर में वृद्धि का निर्णय लिया गया है. प्रत्यक्ष करों के बोझ का सीधा असर आम लोगों पर पड़ता है. बेतहाशा बढ़ रही मुद्रास्फीति तथा सकल राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने जो रोडमैप तैयार किया है उसका परिणाम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2015 6:48 AM
कोलकाता. भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को पटरी पर लाने के लिए सेवा कर में वृद्धि का निर्णय लिया गया है. प्रत्यक्ष करों के बोझ का सीधा असर आम लोगों पर पड़ता है. बेतहाशा बढ़ रही मुद्रास्फीति तथा सकल राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने जो रोडमैप तैयार किया है उसका परिणाम आने वाले वर्षो में दिखाई पड़ेगा.

आज एमसीसी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित सेमिनार में पश्चिम बंगाल, सिक्किम तथा अंडमान-निकोबार के सर्विस टैक्स तथा एक्साइज, कस्टम के चीफ कमिश्नर डॉ गौतम राय ने उद्योगपतियों के समक्ष इस आशय के विचार व्यक्त किये.

केंद्र सरकार की आर्थिक नीति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि आयकर तथा अन्य प्रत्यक्ष करों से आम लोगों पर असर पड़ता है. इससे बचत की प्रवृति तथा उद्यमशीलता प्रभावित होती है. इसी वजह से सरकार ने अप्रत्यक्ष कर अर्थात सर्विस टैक्स में वृद्धि की है. जिस तरह से बेमौसम वर्षा तथा बैंकिग क्षेत्र पर एनपीए परिसंपत्तियों का बोझ बढ़ गया है, उसे देखते हुए करों में वृद्धि करना संभव नहीं था. साथ ही उन्होंने रिजर्व बैंक के गवर्नर के प्रयासों की सराहना करते हुए तत्काल ब्याज दरों में कटौती की संभावना पर असहमति जतायी. इस कार्यक्रम में चेंबर के अध्यक्ष अरुण सर्राफ ने उद्यमियों की ओर से विभिन्न समस्याओं के संबंध में मुख्य आयुक्त को जानकारी दी.

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