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बंद के संबंध में पूर्व का निर्देश ही बहाल

कोलकाता. गुरुवार को आहूत हड़ताल को अवैध घोषित करने की मांग पर कलकत्ता हाइकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने बंद-हड़ताल के संबंध में पूर्व के निर्देश को ही बहाल रखा है. याचिका वकील रमाप्रसाद सरकार ने दायर की थी. याचिका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2015 7:05 PM

कोलकाता. गुरुवार को आहूत हड़ताल को अवैध घोषित करने की मांग पर कलकत्ता हाइकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने बंद-हड़ताल के संबंध में पूर्व के निर्देश को ही बहाल रखा है. याचिका वकील रमाप्रसाद सरकार ने दायर की थी. याचिका में हड़ताल को अवैध घोषित करने के लिए कहा गया है. हड़ताल के दौरान जनजीवन बाधित न हो, इसके लिए हाइकोर्ट से उपयुक्त कदम उठाने के लिए अनुरोध किया गया है. यदि हड़ताल के कारण कोई आर्थिक नुकसान होता है, तो हड़ताल का आह्वान करनेवालों को इसका खर्च वहन करना होगा. सरकारी कर्मचारी काम के लिए जा सकें व परिसेवा भी सामान्य रहे, इसके लिए भी कदम उठाने का अनुरोध किया गया था. खंडपीठ ने कहा कि हाइकोर्ट की ओर से बंद को लेकर पूर्व में निर्देश दिया गया है. वही निर्देश बहाल रहेगा. सुनवाई के दौरान राज्य के एडिशनल एडवोकेट जनरल ने बताया कि सरकार की ओर से जनजीवन सामान्य रखने के लिए प्रशासन व पुलिस को उपयुक्त निर्देश दिये गये हैं. खंडपीठ ने कहा कि बंद के दौरान यदि कोई नुकसान होता है तो, आवेदनकारी अदालत अवमानना का मामला दायर कर सकते हैं.

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