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तृणमूल के दो गुटों के बीच झड़प, टैक्सी संगठनों ने दी लगातार हड़ताल की धमकी

कोलकाता: एटक समर्थित टैक्सी संगठनों ने पुलिस जुल्म के खिलाफ लगातार टैक्सी हड़ताल की धमकी दी. केंद्र सरकार की प्रस्तावित रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल और टैक्सी चालकों पर पुलिस जुल्म के खिलाफ एटक समर्थित संगठन कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव और वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-ऑर्डिनेशन कमेटी के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव के […]

कोलकाता: एटक समर्थित टैक्सी संगठनों ने पुलिस जुल्म के खिलाफ लगातार टैक्सी हड़ताल की धमकी दी. केंद्र सरकार की प्रस्तावित रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल और टैक्सी चालकों पर पुलिस जुल्म के खिलाफ एटक समर्थित संगठन कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव और वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-ऑर्डिनेशन कमेटी के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव के नेतृत्व में गुरुवार को लालबाजार अभियान किया गया. सियालदह बिग बाजार के पास से रैली निकाली गयी.

अभियान में इंटक के प्रदेश अध्यक्ष रमेन पांडेय, एटक के प्रदेश महासचिव रणजीत गुहा, एआइसीसीटीयू के महासचिव बासुदेव बोस, दिवाकर भट्टाचार्य व रीना चटर्जी आदि शामिल हुए. टैक्सी संगठनों के प्रतिनिधियों ने श्री श्रीवास्तव के नेतृत्व में कोलकाता पुलिस के विशेष अतिरिक्त व संयुक्त आयुक्त (मुख्यालय) राजीव मिश्र को ज्ञापन सौंपा. इस प्रतिनिधिमंडल में एकराम खान, मोहम्मद अख्तर, मोहम्मद मुश्ताक, शफीक खान, मुकेश तिवारी व अन्य शामिल थे. इस अवसर पर एटक महासचिव रणजीत गुहा ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार का परिवहन श्रमिकों के प्रति रवैया काफी नकारात्मक है और श्रमिक विरोधी है. टैक्सी चालकों पर पुलिस और प्रशासन की ओर से तरह-तरह के अत्याचार किये जा रहे हैं.

इसके खिलाफ आंदोलन में वे लोग साथ हैं. कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव और वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-ऑर्डिनेशन कमेटी के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि टैक्सी यूनियन के नेताओं को धमकियां दी जा रही है. नो रिफ्यूजल के मामले घटे हैं, लेकिन सेटल टैक्सी के नाम पर मामले किये जा रहे हैं. टैक्सी चालकों के लिए पार्किग की व्यवस्था नहीं की जा रही है.

उन्होंने धमकी दी कि यदि इसी तरह से अत्याचार जारी रहा, तो वे लोग लगातार टैक्सी हड़ताल के लिए बाध्य होंगे. इंटक के प्रदेश अध्यक्ष रमेन पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार का रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल श्रमिक विरोधी है. इसमें दुर्घटना में मृत्यु होने पर तीन से सात साल तक की सजा और एक से चार लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है. अगर यह कानून बना, तो ड्राइवर गाड़ी चलाना छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल के नेता मीटिंग करते हैं, तो कुछ नहीं होता, लेकिन उन लोगों ने टैक्सी चालकों के लिए आंदोलन किया था, तो उन लोगों के खिलाफ मामले दायर किये गये हैं. उन्होंने मामला वापस लेने की मांग की.

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