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संपत्ति टैक्स छूट में भारी गड़बड़ी

ऑडिट टीम ने पक ड़ी आसनसोल नगर निगम के आसनसोल : वित्तीय संकट के नाम पर विकास कार्यो को लंबित रखनेवाले आसनसोल नगर निगम में टैक्स वसूली में छूट देने के नाम पर दिखायी गयी दरियादिली पर राज्य सरकार की अंकेक्षक (ऑडिट) टीम ने भारी नाराजगी जतायी है. बीते अगस्त माह में हुई अंकेक्षण के […]

ऑडिट टीम ने पक ड़ी आसनसोल नगर निगम के

आसनसोल : वित्तीय संकट के नाम पर विकास कार्यो को लंबित रखनेवाले आसनसोल नगर निगम में टैक्स वसूली में छूट देने के नाम पर दिखायी गयी दरियादिली पर राज्य सरकार की अंकेक्षक (ऑडिट) टीम ने भारी नाराजगी जतायी है.

बीते अगस्त माह में हुई अंकेक्षण के दौरान सामने आयी गड़बड़ियों ने इसमें शामिल अधिकारियों को भी चौंका दिया. नियमानुसार 25 फीसदी से अधिक छूट नहीं दी जा सकती है, लेकिन वित्तीय वर्ष 2011-12 में छह ऐसे मामले सामने आये जिनमें 75 फीसदी से अधिक की छूट दी गयी है.

25 फीसदी से अधिक छूट दिये जानेवाले मामलों की संख्या 221 है. ऑडिट टीम ने इस संबंध में निगम प्रशासन ने स्पष्टीकरण की मांग की है. फिलहाल इस मुद्दे पर गहनचर्चा जारी है.

क्या है मामला

पिछले माह राज्य मुख्यालय स्तर की ऑडिट टीम ने निगम में ऑडिट संपन्न किया. जांच के दौरान संपत्ति टैक्स में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां पायी गयी. इस संबंध में पूछताछ करने पर संबंधित कर्मचारियों ने सारी जिम्मेवारी संबंधित पदाधिकारियों पर डाल दी.

इसके बाद ऑडिट टीम ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुये अपनी रिपोर्ट कर दी तथा निगम प्रशासन से स्पष्टीकरण मांग ली. फिलहाल स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है.

क्या है नियम

ऑडिट टीम ने कहा है कि वेस्ट बंगाल म्यूनिसिपल कॉरपोरेसन एक्ट, 2006 की धारा 126 में कहा गया है कि जमीन या भवन के वार्षिक मूल्यांकन राशि में समीक्षा के बाद 25 फीसदी से अधिक की छूट नहीं दी जा सकती है. बशर्ते कि राशि मूल्कांकन में कोई अंकगणितीय या तकनीकी गलती नहीं हुई हो.

इसी तरह इस अधिनियम की धारा 125(1) के तहत यदि कोई व्यक्ति संपत्ति की समीक्षा से असंतुष्ट है तो सूची जारी होने के एक माह के भीतर इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कर इसके नये मूल्यांकन का आग्रह कर सकता है. इस सूची का प्रकाशन धारा 124 की उप धारा (1) के तहत किया जा सकता है.

ऑडिट टीम ने कहा है कि जांच के दौरान पाया गया कि वेस्ट बंगाल म्यूनिसिपल कॉरपोरेसन एक्ट, 2006 की धारा 126 का उल्लंघन कर वर्ष 2011-12 में 221 मामलों में 25 फीसदी से अधिक की छूट दी गयी है. इसके लिए इन मामलों में कोई उचित कारण भी नहीं बताया गया है.

इसके साथ ही धारा 125 (1) का भी उल्लंघन किया गया है. टीम ने कहा है कि प्रोपर्टी टैक्स सॉफ्टवेयर पैकेज के विश्लेषण में पाया गया कि छूट देने में किसी भी सरकारी नियम का पालन नहीं किया गया है. पूरे वर्ष नियमों को ताक पर रख कर ही कार्यकिया गया है.

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