भारतीय पोलियो अभियान का इस्तेमाल कर रहा है डब्ल्यूएचओ

कोलकाता. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सरकार की महत्वाकांक्षी मिशन इंद्रधनुष के साथ अन्य नियमित टीकाकरण कार्यक्रमों के समर्थन में भारत के मौजूदा पोलियो नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है. भारत में डब्ल्यूएचओ की प्रतिनिधि एन मेनाब्दे ने बताया कि इस उद्देश्य के लिए भारत के विश्व स्वास्थ्य संगठन के 300 से अधिक चिकित्सा अधिकारी विभिन्न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2015 4:03 PM

कोलकाता. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सरकार की महत्वाकांक्षी मिशन इंद्रधनुष के साथ अन्य नियमित टीकाकरण कार्यक्रमों के समर्थन में भारत के मौजूदा पोलियो नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है. भारत में डब्ल्यूएचओ की प्रतिनिधि एन मेनाब्दे ने बताया कि इस उद्देश्य के लिए भारत के विश्व स्वास्थ्य संगठन के 300 से अधिक चिकित्सा अधिकारी विभिन्न राज्यों व जिलों में अधिकारियों और कर्मियों के प्रशिक्षण में शामिल हैं. एक कार्यक्रम के दौरान मेनाब्दे ने बताया कि इसके अतिरिक्त डब्ल्यूएचओ ने टीकाकरण गतिविधियों की गुणवत्ता की निगरानी व इनके क्रियान्वयन प्रक्रिया व ऐसे संवेदनशील इलाकों में टीकाकरण की गुणवत्ता के बारे में सरकार को वास्तविक जानकारी देने के लिए 2000 क्षेत्र निरीक्षकों को नियुक्त किया है. पिछले दिसंबर में शुरू हुआ मिशन इंद्रधनुष का लक्ष्य 2020 तक ऐसे सभी बच्चों को शामिल करना है, जिनका या तो टीकाकरण नहीं हुआ अथवा वैसे बच्चे जिनका टीकाकरण से दूर हो सकनेवाले डिप्थेरिया, काली खांसी, टेटनस, पोलियो, टीबी, खसरा और हेपेटाइटिस बी जैसे रोग को लेकर आंशिक टीकाकरण हुआ है. उन्होंने कहा कि मिशन इंद्रधनुष जीवन के सात रंगों को दर्शाता है, जो देश भर में खासकर उच्च संवेदनशील ऐसे 201 जिले जहां टीकाकरण कम हुआ, वहां बच्चों के लिए खतरनाक ऐसे सात रोगों से सुरक्षा मुहैया करायेगा.

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