नरेंद्र मोदी-ममता बनर्जी के बीच मिट रही दूरियों पर कांग्रेस ने उठाये सवाल
कोलकाता. बंगाल दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच सियासी दूरियां काफी हद तक मिटती नजर आयीं. दोनों के एक मंच पर मौजूदगी को लेकर प्रदेश कांग्रेस की ओर से कई सवाल उठाये गये हैं. आरोप के मुताबिक प्रधानमंत्री के इस दौरे से तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच समझौता […]
कोलकाता. बंगाल दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच सियासी दूरियां काफी हद तक मिटती नजर आयीं. दोनों के एक मंच पर मौजूदगी को लेकर प्रदेश कांग्रेस की ओर से कई सवाल उठाये गये हैं. आरोप के मुताबिक प्रधानमंत्री के इस दौरे से तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच समझौता की प्रक्रिया लगभग शुरू हो गयी है.
दोनों दलों की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए प्रदेश कांग्रेस की ओर से रविवार को महानगर में रैली निकाली गयी, जिनमें कई मुद्दों को उठाया गया. रैली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय विधान भवन से निकाली गयी, जो महानगर के विभिन्न मार्गो से गुजरते हुए रानी रासमणि एवेन्यू के निकट समाप्त हुई. रैली का नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी कर रहे थे, जबकि इस मौके पर पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य, विधायक मोहम्मद सोहराब, अमिताभ चक्रवर्ती, माया घोष, बड़ाबाजार जिला कांग्रेस कमेटी के नेता महेश शर्मा, मनोज चक्रवर्ती, 80 नंबर वार्ड के कांग्रेस नेता अवधेश चौधरी, प्रदेश कांग्रेस के सचिव इसलाम खान, युवा नेता सुमन पाल, अरविंद कोरी समेत कई नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे.
सारधा कांड की जांच हो सकती है प्रभावित
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान करोड़ों रुपये सारधा चिटफंड कांड को लेकर भाजपा नेतृत्व की ओर से तृणमूल सरकार को घेरा गया था. वहीं तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भाजपा पर सांप्रदायिकतावाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. दोनों मुद्दों को लेकर कई दिनों तक सियासी जंग चलती रही. अचानक दोनों दलों के बीच दूरियां कम कैसे हो रही हैं? क्या इसका खास कोई मकसद है? उन्होंने आरोप लगाया कि इस तालमेल की वजह से सारधा चिटफंड कांड की जांच प्रभावित हो सकती है. साथ ही केंद्र की कई जनविरोधी बिलों को पास कराने में तृणमूल के योगदान की संभावना भी प्रबल हो गयी है.
भाजपा-तृणमूल की नहीं कोई नीति
कांग्रेस के विधायक मोहम्मद सोहराब ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस व भाजपा की कोई सटीक नीति नहीं है. अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए दोनों दल एक-दूसरे के साथ गंठबंधन करने से भी नहीं चूकेंगे, भले ही कई मुद्दों को लेकर वे एक-दूसरे को घेरते नजर आये हैं. जो भी हो, कांग्रेस सारधा कांड की निष्पक्ष जांच की मांग पर अड़ी है और इसके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग भी करती है. उन्होंने भी आशंका जतायी कि यदि भाजपा-तृणमूल के बीच नजदीकियां बढ़ेंगी, तो सारधा कांड की जांच प्रभावित होगी. इधर, बड़ाबाजार जिला कांग्रेस कमेटी के आला नेता महेश शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक मंच पर होना, तृणमूल-भाजपा की आपसी सहमति को दर्शाती है. साथ ही उन दोनों दलों की नीतियों पर भी कई सवाल खड़ी करती हैं.