बंगाल में कोरोना संक्रमण से एक दिन में 434 लोग हुए ठीक, 407 नये मामले, 10 लोगों की मौत
सोमवार (15 जून, 2020) को पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण (Corona infection) के 407 नये मामले सामने आये हैं, लेकिन एक दिन में 434 लोग स्वस्थ भी हुए हैं. जो राहत की बात है.
कोलकाता : सोमवार (15 जून, 2020) को पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण (Corona infection) के 407 नये मामले सामने आये हैं, लेकिन एक दिन में 434 लोग स्वस्थ भी हुए हैं. जो राहत की बात है. यानी बंगाल में स्वस्थ होने वालों की संख्या पॉजिटिव होने वाले से अधिक है. सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गयी है.
बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में राज्य में 10 लोगों की मौत हुई है. इन्हें लेकर कोलकाता (Kolkata) में अब तक 485 लोगों की मौत हो चुकी है. बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अब इस महामारी की चपेट में आने वालों की कुल संख्या बढ़कर 11,494 हो गयी है. वहीं, अब राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 5,515 है.
पिछले 24 घंटे में कुल 9,509 नमूने जांचे गये हैं. अब तक कुल 3,43,242 सैंपल जांचे जा चुके हैं. इनमें से 3.35 फीसदी लोग कोरोना संक्रमित निकले हैं. मरीजों के ठीक होने की दर 45.63 से बढ़ कर 47.79 फीसदी हो चुकी है. सोमवार तक 13,128 कोरेंटिन सेंटर में हैं, जबकि 1,56,528 होम कोरेंटिन में हैं.
Also Read: शूटिंग करने खड़गपुर आये थे सुशांत सिंह राजपूत, आत्महत्या की खबर से भावुक हुए लोग
कोलकाता में नहीं सुधरी स्थिति
कोरोना के मामले में कोलाकता की स्थिति अभी खराब है. एक दिन में 104 लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि 4 लोगों की मौत हुई है. कोलकाता में 3,776 लोग संक्रमित हो चुके हैं.
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दस्तक दिये 3 माह का वक्त बीच चुका है. इस दौरान हर अंतराल पर मामले बढ़े और चुनौतियां भी. पर, अच्छी बात यह है कि सैंपलिंग और जांच का दायरा भी नियमित रूप से बढ़ता गया. जितनी ज्यादा सैंपलिंग हुई, उसी रफ्तार से संक्रमित मामले भी सामने आ रहे हैं.
एक समय इस बीमारी का बोझ जरूर बढ़ा, पर अब रिकवर होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है. एक वक्त पर स्थिति भयावह होती दिख रही थी, लेकिन धीरे-धीरे ही सही अब हालात नियंत्रण में आते दिख रहे हैं.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कोरोना का पहला मामला 17 मार्च को सामने आया था. शुरुआती दौर में संक्रमण को लेकर राज्य की स्थिति नियंत्रण में थी, लेकिन अचनाक मई महीने में प्रवासी मजदूरों के यहां पहुंचने के बाद से मामले तेजी से बढ़ने शुरू हो गये और ग्राफ ऊपर चढ़ गया.
Posted By : Samir ranjan.