हिड््को के चेयरमैन कोटा से जमीन बांटा जाना अवैध: हाइकोर्ट
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने चेयरमैन कोटा से ि़हड्को की जमीन को बांटे जाने की घटना को अवैध ठहराया है. न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने यह फैसला सुनाया. अदालत ने यह भी कहा कि जिन्हें इस कोटा से जमीन दी गयी है उनके नाम हिड्को को बताने होंगे. साथ ही जमीन पाने वालों की पदवी भी अदालत […]
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने चेयरमैन कोटा से ि़हड्को की जमीन को बांटे जाने की घटना को अवैध ठहराया है. न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने यह फैसला सुनाया. अदालत ने यह भी कहा कि जिन्हें इस कोटा से जमीन दी गयी है उनके नाम हिड्को को बताने होंगे. साथ ही जमीन पाने वालों की पदवी भी अदालत के सामने रखनी होगी. आवेदकों के वकील अरुणाभ घोष ने बताया कि गत 2011 के 28 फरवरी को हिड्को के तत्कालीन चेयरमैन गौतम देव ने चेयरमैन कोटा से करीब 100 लोगों को जमीन दी थी. इसके बाद तृणमूल कांग्रेस की जब सरकार बनी तो 2011 के अगस्त में कोटे की कई जमीनों के बंटन को खारिज कर एक नयी सूची हिडको की ओर से पेश की गयी. उस वक्त हिडको के चेयरमैन देवाशीष सेन थे. इस सूची की वैधता को चुनौती देते हुए हाइकोर्ट में कई लोगों ने आवेदन किया जिनके नाम पूर्व की सूची से हटा दिये गये थे. उनका कहना था कि आवेदन की राशि जमा देने के बावजूद अवैध तरीके से उनकी जमीनें उनसे ले ली गयी. उन्होंने यह भी कहा कि गौतम देव के कार्यकाल के दौरान दी गयी जमीन में इन्फोसिस, विप्रो आदि की जमीन को तो नयी सूची में रख दिया गया लेकिन उनके नाम हटा दिये गये. हिड््को की ओर से कहा गया कि आवेदकों के साथ हिड््को का कोई करार नहीं हुआ था. इसलिए कोटे का निर्धारित समय समाप्त हो जाने पर उन्हें जमीन नहीं दी जा सकी. लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने दोनों ही सूचियों को अवैध ठहराया.