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इलाज न होने और भूख से तीन चाय श्रमिकों की मौत

जलपाईगुड़ी: बिना इलाज व भूख से तीन चाय श्रमिकों की मौत का मामला सामने आने के बाद यहां डुवार्स में हलचल मच गयी है. घटना डुवार्स के मेटेली ब्लॉक के नागेश्वरी चाय बागान की है. बागान के श्रमिकों का कहना है कि सिर्फ इलाज की कमी से नहीं बल्कि इनमें से एक की मौत भुखमरी […]

जलपाईगुड़ी: बिना इलाज व भूख से तीन चाय श्रमिकों की मौत का मामला सामने आने के बाद यहां डुवार्स में हलचल मच गयी है. घटना डुवार्स के मेटेली ब्लॉक के नागेश्वरी चाय बागान की है. बागान के श्रमिकों का कहना है कि सिर्फ इलाज की कमी से नहीं बल्कि इनमें से एक की मौत भुखमरी से हुई है. मृतकों के नाम राजेश खड़िया (45), रीमा थापा व अली उरांव (पांच) है.

राजेश व रीमा नागेश्वरी चाय बागान के गोपाल लाइन के रहनेवाले थे. अली उरांव चाय बागान के डेलोयार लाइन का निवासी है. मृतक के परिजनों का कहना है कि बागान खुला हुआ है, इसके बाद भी यहां की हालत बंद चाय बागानों से भी बदतर है. बीते तीन महीने से श्रमिकों को वेतन नहीं मिल रहा है. श्रमिक राशन से भी वंचित हैं. बागान में चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. एक ओर भोजन का अभाव तो दूसरी ओर चिकित्सा नहीं मिलने के कारण श्रमिकों की मौत शुरू हो गयी है.

जबकि प्रशासन इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है. प्रशासनिक अधिकारियों ने इलाज न होने व भुखमरी से श्रमिकों की मौत की घटना को स्वीकार नहीं किया है. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जल्द बागान को स्वाभाविक करने की कोशिश की जा रही है. बागान में मेडिकल टीम भी भेजी जायेगी. मृत राजेश खड़िया की पत्नी रस्मिता खड़िया ने बताया कि बागान खुला है और हम काम भी कर रहे हैं, लेकिन वेतन नही मिल रहा है.

बागान से राशन मिलना भी बंद हो गया है. रुपये की कमी के कारण दिन-ब-दिन श्रमिक भूखे सो रहे है. बीते तीन दिनों से मेरे पति ने कुछ नहीं खाया. रात को पानी पीकर सो जाता था. ऐसे में वह कमजोर हो गया था. भुखमरी के कारण ही उसका पति कमजोर हो गया था और उसकी मौत हो गयी. चाय बागान के आदिवासी विकास परिषद के नेता तुलसी उरांव ने बताया कि बीते दो दिनों में नागेश्वरी बागान में तीन लोगों की मौत हुई है.

इनमें से एक की मौत भुखमरी से और बाकी दो श्रमिकों की मौत बिना चिकित्सा के हुई है. प्रशासन की ओर से जल्द आवश्यक कदम नहीं उठाया गया तो स्थिति और भयावह होगी. माल महकमा शासक ज्योतिर्मय तांति ने बताया कि चाय बागान की स्थिति दयनीय है. मालिक पक्ष के साथ बातचीत की गयी है. मालिक प्रबंधन की ओर से श्रमिकों का बकाया देने का आश्वासन दिया गया है. उन्होंने बताया कि यह बात झूठ है कि चिकित्सा की कमी व भुखमरी से किसी श्रमिक की मौत हुई है. उन्होंने चाय बागान में मेडिकल टीम भेजने व चाय श्रमिकों को सौ दिन काम देने की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है. बागान के मैनेजर शिलाजीत बोस ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

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