सात नगर निकायों में फिलहाल चुनाव नहीं

राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाये रखने का दिया निर्देश कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर मंगलवार को राज्य के सात नगरपालिका क्षेत्रों में एक तरह से चुनाव पर रोक लगा दी. अदालत में राज्य चुनाव आयोग का कोई वकील मौजूद नहीं था. राज्य सरकार के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2015 6:34 AM
राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाये रखने का दिया निर्देश
कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर मंगलवार को राज्य के सात नगरपालिका क्षेत्रों में एक तरह से चुनाव पर रोक लगा दी. अदालत में राज्य चुनाव आयोग का कोई वकील मौजूद नहीं था. राज्य सरकार के अनुसार, इन नगर पालिकाओं को नगर निगम में तब्दील करने की प्रक्रिया चल रही है.
राज्य के शहरी विकास मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए आयोग का बचाव किया और कहा कि आयोग को एसएलपी दायर करने की जानकारी दे दी गयी थी. दूसरी ओर, विरोधी दल ने इसे राज्य सरकार व आयोग की मिलीभगत करार देते हुए राज्य चुनाव आयुक्त के इस्तीफे की मांग की है.
मामले की अगली सुनवाई 25 मई को होगी. गौरतलब है कि 15 मई को कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर और न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयुक्त को 16 जून तक सात नगर निकायों आसनसोल नगर निगम, कुल्टी, रानीगंज, जामुरिया, विधाननगर, राजारहाट-गोपालपुर और बाली नगरपालिका में चुनाव कराने का निर्देश दिया था. दूसरी ओर, राज्य चुनाव आयोग ने मंगलवार को प्रस्तावित बैठक रद्द कर दी तथा इन नगरपालिकाओं में चुनाव की अधिसूचना अब जारी नहीं होगी. आयोग ने पहले 20 मई को अधिसूचना जारी करने, 14 जून को चुनाव कराने तथा 16 जून को चुनाव परिणाम की तारीख की घोषणा की थी.
न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की अवकाशकालीन पीठ ने राज्य सरकार की याचिका पर राज्य के चुनाव आयोग को नोटिस भी जारी करने के साथ ही सात नगरपालिका क्षेत्रों में चुनाव कराने के संबंध में ‘यथास्थिति’ बनाये रखने का आदेश दिया. इस याचिका में राज्य सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दे रखी है. उच्च न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग से कहा था कि इन सात स्थानीय निकायों के चुनाव 16 जून तक कराये जायें.
शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग के साथ ही केंद्र सरकार और प्रणय राय को भी नोटिस जारी किये हैं. प्रणव राय ने ही उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी. राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि इन सात नगर पालिकाओं को 15 जून तक नगर निगम में तब्दील करने की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी और इसके बाद वहां चुनाव कराये जा सकते हैं.
इससे पहले, राज्य सरकार ने इन सात निकायों में चुनाव कराने के आयोग के कार्यक्रम में संशोधन का उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था. उच्च न्यायालय ने अप्रैल में राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि ये चुनाव प्रक्रिया दो महीने के भीतर पूरी की जाये.

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