सारधा कांड: पीएम को कुणाल ने लिखा चार पन्ने का पत्र, कहा न करें कोई समझौता
कोलकाता: सारधा मामले में जेल में बंद तृणमूल कांग्रेस से निलंबित राज्यसभा सांसद कुणाल घोष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर इस मामले में केंद्र व राज्य के बीच राजनैतिक समझौता नहीं होने देने का आवेदन किया है. सूत्रों के मुताबिक 15 मई को कुणाल घोष ने चार पन्ने की चिट्ठी प्रधानमंत्री नरेंद्र […]
कोलकाता: सारधा मामले में जेल में बंद तृणमूल कांग्रेस से निलंबित राज्यसभा सांसद कुणाल घोष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर इस मामले में केंद्र व राज्य के बीच राजनैतिक समझौता नहीं होने देने का आवेदन किया है. सूत्रों के मुताबिक 15 मई को कुणाल घोष ने चार पन्ने की चिट्ठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्पीड पोस्ट के जरिये भेजी है. पत्र में उन्होने कहा है कि : सारधा घोटाले की गहराई तक सीबीआइ पहुंच गयी है.
जांच के सिलसिले में उनके पास कई ठोस सबूत आ चुके हैं, इसके बावजूद वह चुप होकर आरोपियों को बचने का रास्ता निकालने का समय क्यों दे रहे हैं. सारधा के मीडिया से सीधे तौर पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व उनके कुछ सांसद व मंत्री लाभान्वित हुए हैं.
सारधा कंपनी ने राज्य की निदरेष जनता के मेहनत के रुपये गबन किये है, लिहाजा राज्य की जनता के आंसुओं पर गौर कर किसी तरह का राजनैतिक समझौता ना होने दें. सूत्रों के मुताबिक पत्र के अंत में कुणाल ने धमकी भरे शब्दों में लिखा है कि यदि सारधा घोटाले में निष्पक्ष जांच में सीबीआइ जल्द फिर से पहले की तरह रफ्तार नहीं लाती है, जो जल्द ही वे सख्त कदम उठाने पर बाध्य होंगे.
सारधा की संपत्ति की नीलामी चाहती है इडी अगले महीने दायर होगा आरोप पत्र
केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (इडी) सारधा की जब्त संपत्ति की नीलामी के लिए अदालत से इजाजत मांगेगी. इडी के अधिकारियों का कहना है कि सारधा कंपनी के नाम पर कुल एक हजार करोड़ के करीब की संपत्ति इडी ने जब्त की है. अदालत से इजाजत मिलने के बाद इडी के अधिकारी संपत्ति को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे और नीलामी की राशि सरकारी खजाने में जमा कर जमाकर्ताओं को सौंप दी जायेगी. इडी ने अपनी जांच लगभग पूरी कर ली है और अगले महीने आरोप पत्र दायर कर सकती है.