अस्तित्व की रक्षा को देनी होगी प्राथमिकता : येचुरी
भाजपा को तृणमूल का और तृणमूल को भाजपा का चाहिए साथ बंगाल में जनजीवन संकट में कोलकाता. हाल के कुछ वर्षो में वामपंथियों के प्रभाव में आयी कमी को दूर करने के साथ अपने अस्तित्व की रक्षा को प्राथमिकता देनी होगी. विगत महीने माकपा के 21 वें पार्टी कांग्रेस अपनी स्थिति के पुनरुद्धार के लिए […]
भाजपा को तृणमूल का और तृणमूल को भाजपा का चाहिए साथ
बंगाल में जनजीवन संकट में
कोलकाता. हाल के कुछ वर्षो में वामपंथियों के प्रभाव में आयी कमी को दूर करने के साथ अपने अस्तित्व की रक्षा को प्राथमिकता देनी होगी. विगत महीने माकपा के 21 वें पार्टी कांग्रेस अपनी स्थिति के पुनरुद्धार के लिए कई भावी योजनाओं और लक्ष्यों की रूपरेखा तैयार की गयी थी, जिसे पूरा करना होगा.
ये बातें माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने शुक्रवार को कही. वह माकपा की राज्य कमेटी की बैठक में शरीक हुए थे और नवनिर्वाचित सचिव मंडली व राज्य कमेटी के सदस्यों के समक्ष अपना वक्तव्य रख रहे थे. उन्होंने कहा कि जनता के करीब जाने के लिए लोगों के हितों से जुड़े मुद्दों को उठाना पड़ेगा.
उनकी मांगों के लिए जारी आंदोलनों में और तेजी लानी होगी. केवल बंगाल ही नहीं, बल्कि पूरे देश में ऐसे कार्यो में तेजी लानी होगी. कठिन और विपरीत परिस्थिति जैसे माहौल के बीच बंगाल में वामपंथियों का दायित्व बहुत ज्यादा है. वर्ष 2011 में हुए विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद बंगाल में होनेवाले कई चुनावों में माकपा की शक्ति में कमी आयी. विगत महीने होने वाले निकाय चुनाव में भी माकपा का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा, लेकिन वह अपने वोट प्रतिशत बचाने में लगभग कामयाब रही है जो काफी बड़ी बात है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए येचुरी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार आम लोगों पर आर्थिक बोझ का दबाव बढ़ा रही है. महंगाई को रोकने के लिए खासा कदम नहीं उठाया जा रहा है. इधर सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली शक्तियों को देश में बल मिल रहा है. राज्यों के अधिकारों पर भी हमले हो रहे हैं. आरोप के अनुसार केंद्र और राज्य के बीच संपर्क की बात कह आंचलिक दलों पर कब्जा जमाने की कोशिश की जा रही है.
यही वजह है कि हाल के दिनों में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच दूरियां मिटती नजर आ रही हैं. येचुरी ने अंदेशा जताया है कि भाजपा केंद्र में बिना किसी बाधा के सत्ता चलाने के लिए तृणमूल का साथ चाहती है और तृणमूल बंगाल में सारधा कांड जैसे मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए केंद्र का सहयोग चाहती है. यानी भाजपा को तृणमूल का साथ चाहिए और तृणमूल को भाजपा का. येचुरी ने आरोप लगाया कि बंगाल में जनजीवन संकट में है. सबसे ज्यादा संकट किसानों और श्रमिक वर्ग के लोगों का है. किसानों को उनकी उपज की सटीक कीमत नहीं मिल पा रही है और बंद हो रहे कल-कारखानों की वजह से श्रमिकों की रोजी खतरे में हैं.
आरोप के मुताबिक इस विषम परिस्थिति का कारण मौजूदा तृणमूल सरकार की जनविरोधी नीति है. ऐसी विषम परिस्थिति के विरुद्ध होकर आंदोलनरत होना जरूरी है और वामपंथियों की लड़ाई में आम लोगों को शरीक होना होगा.