तृणमूल के साथ समझौते की संभावनाओं को भाजपा ने किया खारिज, पहले की तरह ही विरोधी

कोलकाता. भाजपा ने तृणमूल के साथ अपनी समझौते की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के संबंधों को गंठजोड़ के तौर पर नहीं समझा जाना चाहिए. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्र ने कहा कि जहां तक ममता बनर्जी, तृणमूल व भाजपा का सवाल है तो दो बातें समझ ली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2015 6:58 AM
कोलकाता. भाजपा ने तृणमूल के साथ अपनी समझौते की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के संबंधों को गंठजोड़ के तौर पर नहीं समझा जाना चाहिए. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्र ने कहा कि जहां तक ममता बनर्जी, तृणमूल व भाजपा का सवाल है तो दो बातें समझ ली जानी चाहिए कि भाजपा तृणमूल के खिलाफ उसी तरह है जैसा कि वह पहले थी. तृणमूल सरकार के कामकाज के तरीके के हम खिलाफ हैं.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संघीय ढांचे में विश्वास करती है और राज्य सरकारों के साथ संबंध भी वैसे ही होने चाहिए. केंद्र राज्यों को सहायता करने में विश्वा करती है. हालांकि पूर्व की सरकारें उन राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करती थी जहां वह सत्ता में नहीं हैं.

हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि वह राजनीतिक तरीके से लड़ाई नहीं लड़ेंगे. सारधा घोटाले में सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के संबंध में उन्होंने कहा कि वह दिन चले गये जब सरकार सीबीआइ व इडी के कामकाज में हस्तक्षेप किया करती थी. आज वह स्वाधीन संस्थानें हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विरोधियों से वह सबकुछ हासिल करने के लिए सीबीआइ का इस्तेमाल करती थी जो वह अन्यथा हासिल नहीं कर पाती थी. यह सरकार ऐसा नहीं सोचती. हम सीबीआइ व इडी की आजादी में विश्वास करते हैं.

भूमि विधेयक पर राहुल की समझ त्रुटिपूर्ण : पात्रा
भाजपा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के भूमि विधेयक को किसानों का हितकारी करार देते हुए कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष की इस पर समझ ‘त्रुटिपूर्ण’ है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि भूमि विधेयक से देश के चौतरफा विकास में मदद मिलेगी. 2013 में संप्रग सरकार के समय जब यह विधेयक पारित किया गया तो उस वक्त कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने महसूस किया कि इसमें बदलाव की जरूरत है. कांग्रेस जो विधेयक लेकर आयी थी, उससे सिंचाई परियोजनाएं पूरी नहीं होतीं. प्रधानमंत्री ने वादा किया है कि एक इंच भी जमीन किसी कॉरपोरेट घराने को नहीं दी जाएगी.

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