राजनीतिक पसंद के आधार पर मामले लेती है सीबीआइ

कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को विधानसभा अधिवेशन में देश की सबसे बड़ी केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ‘ राजनीतिक पसंद ’ के आधार पर मामलों को अपने हाथ में लेती है और अन्य मामलों में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं होती. ममता बनर्जी ने राज्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2015 6:42 AM
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को विधानसभा अधिवेशन में देश की सबसे बड़ी केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ‘ राजनीतिक पसंद ’ के आधार पर मामलों को अपने हाथ में लेती है और अन्य मामलों में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं होती.
ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा में कहा कि पहले वह मामलों की सीबीआइ जांच की मांग करने की इच्छा रखती थीं, लेकिन अब स्थिति बदल रही है. उन्होंने कहा कि उन्होंने 14 मामले केंद्रीय जांच एजेंसी को भेजे, लेकिन उसने इन मामलों को नहीं लिया. ममता ने कहा कि राजनीतिक रूप से वे उन्हें अनुकूल नहीं लगते.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआइ के बारे में उनका विचार बदल रहा है और यह ‘केवल मार्केटिंग के बारे में है.’ उन्होंने कहा कि जब रानाघाट नन सामूहिक बलात्कार मामले की जांच करने को कहा गया, तो सीबीआइ ने इनकार कर दिया. ममता ने कहा कि सीबीआइ ने रवींद्र नाथ ठाकुर के नोबेल पदक की चोरी से संबंधित मामले को भी बंद कर दिया, क्योंकि वह कुछ भी करने में विफल रही थी. यहां पर राज्य की विपक्षी पार्टियां बात-बात पर सीबीआइ जांच की मांग कर रही हैं, कहीं पटाखा फट रहा है, तो वहां भी सीबीआइ जांच की मांग. उन्होंने कहा कि राज्य में विपक्षी पार्टियां तो नहीं के बराबर हैं, इसलिए अब वे सीबीआइ के सहारे सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रही हैं.

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