कोलकाता. राज्य के सरकारी कॉलेजों में छात्रों को शिक्षा देनेवाले शिक्षकों की योग्यता को लेकर शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने सवाल उठाया है. बुधवार को विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान पार्थ चटर्जी ने कहा कि अब शिक्षक टीवी पर चेहरा दिखाने में ही ज्यादा व्यस्त हैं. यूजीसी के नियम के अनुसार, अगर शिक्षकों की योग्यता का सर्वे किया जाये, तो ज्यादातर शिक्षक यूजीसी के मानदंड पर खरे नहीं उतरेंगे. गौरतलब है कि विधानसभा में विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्रा ने शिक्षा मंत्री से सरकारी कॉलेजों में रिक्त पदों के बारे में जानकारी मांगी. इसका जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि सरकारी कॉलेजों में 709 शिक्षक पद खाली हैं. इसके बाद ही उन्होंने शिक्षकों की योग्यता को लेकर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सरकारी कॉलेजों में कई ऐसे शिक्षक हैं, जो यूजीसी के मानदंड के अनुसार शिक्षक बनने के लायक नहीं हैं. लेकिन वाम मोरचा के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन सरकार ने अपने कैडरों को शिक्षक की नौकरी दी थी. कुछ शिक्षकों को चेहरा सिर्फ टीवी पर देखने को मिलता है. कई कॉलेजों में छात्र हैं, लेकिन शिक्षक नहीं. टीचर इन चार्ज के माध्यम से कॉलेज चलाना पड़ रहा है. अगर राज्य सरकार इस बारे में कोई कार्रवाई करती है, तो शिक्षक धरना पर बैठ जाते हैं. शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के इस बयान के बाद विधानसभा में हड़कंप मच गया. माकपा विधायकों ने हो-हल्ला शुरू कर दिया. वहीं, कांग्रेस ने शिक्षा मंत्री से उन शिक्षकों की तालिका पेश करने की मांग की, जिन लोगों को बिना योग्यता के शिक्षक की नौकरी दी गयी है.
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शिक्षक की योग्यता को लेकर शिक्षा मंत्री ने उठाया सवाल – विस
कोलकाता. राज्य के सरकारी कॉलेजों में छात्रों को शिक्षा देनेवाले शिक्षकों की योग्यता को लेकर शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने सवाल उठाया है. बुधवार को विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान पार्थ चटर्जी ने कहा कि अब शिक्षक टीवी पर चेहरा दिखाने में ही ज्यादा व्यस्त हैं. यूजीसी के नियम के अनुसार, अगर शिक्षकों की […]
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