निगम एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के बीच ठनी

कोलकाता: पर्यावरण के मुद्दे पर कोलकाता नगर निगम और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के बीच ठन गयी है. ट्रिब्यूनल ने नीमतला घाट पर गंगा नदी पर निगम द्वारा बनाये गये कंक्रीट के स्लैब को तोड़ने का निर्देश दिया है. ट्रिब्यूनल का कहना है कि यह निर्माण पर्यावरण के नियमों के उल्लंघन है. इसे तोड़ना होगा और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2015 9:05 PM

कोलकाता: पर्यावरण के मुद्दे पर कोलकाता नगर निगम और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के बीच ठन गयी है. ट्रिब्यूनल ने नीमतला घाट पर गंगा नदी पर निगम द्वारा बनाये गये कंक्रीट के स्लैब को तोड़ने का निर्देश दिया है. ट्रिब्यूनल का कहना है कि यह निर्माण पर्यावरण के नियमों के उल्लंघन है. इसे तोड़ना होगा और इसे तोड़ने पर जो खर्च आयेगा, उसे निगम को ही वहन करना होगा. पर निगम ट्रिब्यूनल के इस फैसले को मानने से साफ इनकार कर दिया है. इस बारे में मेयर शोभन चटर्जी ने कहा कि हम लोग इसे कतई नहीं तोडं़ेगे. यह कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की समाधि है, यहां से उनकी स्मृति जुड़ी है. गौरतलब है कि पर्यावरणविद सुभाष दत्ता ने गंगा में हुए इस निर्माण के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में मामला दायर किया था. श्री दत्ता का कहना है कि नदी के बीच हुए इस निर्माण से गंगा की धारा बदल जायेगी, जिससे प्रदूषण बढ़ेगा एवं पर्यावरण को भारी नुकसान होगा. इस मुद्दे पर फरवरी में भी एक मामला दायर हुआ था, तब ट्रिब्यूनल में गंगा में टालीगंज से दक्षिणेश्वर तक एवं नाजीरगंज से बाली खाल तक किसी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी थी. ट्रिब्यूनल का कहना है कि अगर निर्माण की जरूरत पड़ती है तो पहले यह साफ करना होगा कि उससे पर्यावरण को किसी तरह की हानि नहीं पहुंचे. अब मामले की सुनवाई 29 जुलाई को होगी. मामला दायर करने वाले सुभाष दत्ता ने बताया कि निगम चाहे तो इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है, पर उसका पक्ष बेहद कमजोर है, उसे हर हाल में गंगा में हुए इस निर्माण को तोड़ना ही होगा.

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