(फोटो पेज चार पर हल्दिया के नाम से)हल्दिया. गरीबी और दृष्टिहीनता से लड़ते हुए कई दृष्टिहीन विद्यार्थियों ने उच्च माध्यमिक की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सफलता हासिल किया लेकिन अब उनके आगे की पढ़ाई को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. ऐसा हाल रासबिहारी, सद्दाम, मिलन जैसे विद्याथियों का है. इनमें कई के पिता हॉकरी कर घर का गुजारा चलाते हैं तो कई परिवार का जीवन-यापन मजदूरी पर टिका हुआ है. जानकारी के मुताबिक इस वर्ष सूताहाटा के चैतन्यपुर विवेकानंद मिशन आश्रम आवासिक उच्च माध्यमिक विद्यालय के के करीब 15 दृष्टिहीन विद्यार्थियों ने उच्च माध्यमिक की परीक्षा दी थी जिनमें करीब 11 विद्यार्थियों ने कई विषयों में स्टार के साथ अच्छे अंक प्राप्त किये जबकि शेष चार विद्यार्थी भी फर्स्ट डिवीजन से उत्तीर्ण हुए. इनमें रासबिहारी जाना को करीब 429 अंक मिले. वह तमलुक के पुतपुतिया का रहने वाला है. उसके पिता मजदूर हैं. रासबिहारी जन्म से ही अंधा नहीं था बल्कि बचपन में सांप के काटने के प्रभाव ने उसकी आंखों की रोशनी छीन ली. पिता की आय काफी कम होने की वजह से आगे की पढ़ाई को लेकर समस्या बनी हुई है. ठीक इसी तरह सुताहाट के निवासी सद्दाम आलम के पिता ट्रेन में हॉकर का काम करते हैं. उच्च माध्यमिक की परीक्षा में उसने करीब 425 अंक प्राप्त किये. ऐसी ही समस्या अन्य विद्यार्थियों के समक्ष भी है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक आशीष पंडा ने कहा कि दृष्टिहीन होते हुए भी स्कूल के विद्यार्थियों ने उच्च माध्यमिक की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किये. उनकी आगे की पढ़ाई जारी रहे इसके लिए प्रशासन को थोड़ी मदद करनी चाहिए.
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उच्च माध्यमिक में सफलता प्राप्त कई दृष्टिहीन छात्रों की आगे की पढ़ाई पर संशय
(फोटो पेज चार पर हल्दिया के नाम से)हल्दिया. गरीबी और दृष्टिहीनता से लड़ते हुए कई दृष्टिहीन विद्यार्थियों ने उच्च माध्यमिक की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सफलता हासिल किया लेकिन अब उनके आगे की पढ़ाई को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. ऐसा हाल रासबिहारी, सद्दाम, मिलन जैसे विद्याथियों का है. इनमें कई […]
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